पेपर लीक प्रकरण में आरपीएससी सदस्य कटारा समेत तीन गिरफ्तार…
जयपुर, 18 अप्रैल । वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर लिया है। बाबूलाल को अजमेर स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही उनके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
महानिरीक्षक (एसओजी), सत्येन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक (एसओजी), विकास सांगवान की टीम ने कटारा और उसके ड्राइवर गोपाल सिंह को अजमेर स्थित उनके आवासों से तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एटीएस ने विजय कटारा को डूंगरपुर से गिरफ्तार किया है। अब तीनों से पूछताछ की जाएगी कि कैसे इन्होंने एग्जाम के पेपर शेर सिंह मीणा तक पहुंचाए।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पेपर बेचने वाले शेर सिंह मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शेरसिंह मीणा ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी मेंबर और डूंगरपुर निवासी बाबूलाल कटारा से संपर्क किया। उस समय बाबूलाल कटारा उदयपुर के आदिम जाति शोध संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत था। शेरसिंह मीणा को पता था कि बाबूलाल कटारा आने वाले समय में आरपीएससी में प्रमोट होकर मेंबर बन सकता है। कटारा ने 15 अक्टूबर, 2020 में आरपीएससी के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था।
इससे पहले बाबूलाल कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था। इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाडा, डूंगरपुर, सागवाडा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया। वर्ष 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक रहा। निदेशक, सांख्यिकी के पद पर पदोन्नति के बाद उदयपुर आदिम जाति शोध संस्थान निदेशक के पद पर भी रहा। इसके बाद उसका चयन आरपीएससी के मेंबर के रूप में हुआ था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…