महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा का 99 साल की उम्र में निधन…

महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा का 99 साल की उम्र में निधन…

मुंबई, 12 अप्रैल । महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के सबसे वृद्ध अरबपति केशव महिंद्रा का 99 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। वे 1962 से 2012 तक 48 वर्षों तक महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन थे। अभी इस पद पर उनके भतीजे आनंद महिंद्रा हैं।

फोर्ब्स ने भारत के सबसे अमीर अरबपतियों की लिस्ट में किया था शुमार
अभी हाल ही में फोर्ब्स ने उन्हें 1.2 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ भारत का सबसे वृद्ध अरबपति बताया था। केशब महिंद्रा के निधन की जानकारी साझा करते हुए इनस्पेस के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया कि बिजनेस जगत ने आज अपने सबसे महान व्यक्तित्व में से एक केशब महिंद्रा को खो दिया है। उनसे मुलाकात करना हमेशा शानदार रहता था। वे बिजनेस, अर्थशास्त्र और सामाजिक चीजों को शानदार तरीके से जोड़ने की प्रतिभा रखते थे।

1947 में ही महिंद्रा समूह से जुड़ गए थे केशब महिंद्रा
केशब महिंद्रा पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद साल 1947 में ही महिंद्रा ग्रुप से जुड़ गए थे। इसके बाद साल 1963 में वह इस समूह चेयरमैन बने। उनके नेतृत्व में महिंद्रा ग्रुप सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंची। साल 2012 में 48 सालों तक चेयरमैन पद पर रहने के बाद यह पद अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को सौंप दिया। इसके साथ ही केशव महिंद्रा टाटा स्टील, सेल, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स जैसी नामी-गिरामी कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल रहे।

फ्रांस सरकार ने 1987 में दिया था सर्वोच्च नागरिक सम्मान
बिजनेस जगत में केशब महिंद्रा के योगदान के लिए साल 1987 में फ्रांस की सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सुशोभित किया था। इसके अलावा केशब महिंद्रा को साल 2007 में अर्न्स्ट एंड यंग की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था।

केशब महिंद्रा 2010 तक पीएम के व्यापार और उद्योग परिषद् के भी सदस्य रहे थे
केशब महिंद्रा कंपनी कानून और मोनोपोलिस्टिक एंड रेस्ट्रिक्टिव ट्रेड प्रैक्टिसेज (एमआरटीपी) और सेंट्रल एडवाइजरी काउंसिल ऑफ इंडस्ट्रीज सहित विभिन्न सरकारी समितियों में भी अहम भूमिकाओं रहे चुके थे। वर्ष 2004 से 2010 तक महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद के भी सदस्य रहे थे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…