जॉब जाने के बाद ऐसे मैनेज करें फाइनेंस…
आज के दौर में कोई भी जॉब सिक्योरिटी की गारंटी नहीं दे सकता। अगर आपकी एक जॉब छूट जाती है तो दूसरी नौकरी खोजने में कुछ समय लगता है। इस बीच की अवधि के लिए अगर आपने फाइनेंस की प्लानिंग नहीं की है तो दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। अगर आपके पास इमरजेंसी फंड है तो आप तीन से छह महीने तक अपनी परेशानियों को टाल सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। नौकरी न रहने पर आपके सामने रुपए-पैसों की काफी परेशानियां आती हैं। जानते हैं, कैसे करें फाइनेंस मैनेज…
नया बजट प्लान करें
इसमें लाइफस्टाइल के खर्चों में कटौती करनी चाहिए। मासिक बजट में दो तरह के खर्च होते हैं। पहला फिक्स खर्च होता है, जैसे बिजली और मोबाइल का बिल, घरेलू सामानों का खर्च आदि। दूसरे खर्चों में लाइफस्टाइल के खर्चे जैसे मल्टीप्लेक्स और रेस्टोरेंट डिनर आदि। नौकरी जाने के बाद हर तरह के खर्चों का पूरा विश्लेषण करें।
स्वतंत्र हेल्थ इंश्योरेंस लें
मेडिकल इमरजेंसी कभी भी हो सकती है और यदि जॉब में नहीं हैं तो मेडिकल के खर्चों से काफी परेशानी हो सकती है। यह मेडिकल कवर कम से कम पांच लाख रुपए का होना चाहिए।
कर्ज चुकाने को दें प्राथमिकता
ज्यादातर लोग कोई न कोई लोन लेते हैं। अगर आपको किस्त चुकाने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो आप कर्जदाता से बात कर सकते हैं। ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड बिल्स को समय पर नहीं चुकाएंगे तो बाद में परेशानी होगी।
इसलिए न्यूनतम बकाया अमाउंट चुकाने की कोशिश करें। आप चाहें तो किसी दूसरे बैंक के क्रेडिट कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। दूसरा बैंक आपका न्यूनतम बकाया अमाउंट कम कर सकता है। अगर पूरे सेक्टर में ही जॉब नहीं है तो अपने डेबिट्स को री-स्ट्रक्चर करें।
लोन को करें टैकल
री-शिड्यूलिंग आप चाहें तो कर्जदाता से लोन की अवधि बढ़ाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपकी ईएमआई कम हो जाएगी। री-स्ट्रक्चर आप अपने कर्जदाता से अनुरोध कर सकते हैं कि वह ब्याज दरों के हिसाब से बेहतर डील दें। इससे फायदा हो सकता है।
स्विच आप किसी ऐसे कर्जदाता को लोन स्विच कर सकते हैं, जो कम ब्याज दर ऑफर करता हो। इससे आपको राहत मिलेगी। डिफर्मेंट कर्जदाता से कहें कि अभी आप अपनी ईमआई नहीं चुका सकते। कुछ समय बाद री-पेमेंट के लिए सुनिश्चित करें।
पोर्टफोलियो पर निगाह डालें
जब तक आपके पास जॉब नहीं है, तब तक आपको रुपयों की जरूरत पड़ेगी। इस स्थिति में आपको अपने निवेश पर भी निगाह डालनी चाहिए। अपना पोर्टफोलियो देखें और असेट अलोकेशन पर गौर करें।
अगर आपको लगता है कि आपने इक्विटीज में ज्यादा निवेश कर रखा है तो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका एक हिस्सा बेच सकते हैं। इससे कुछ समय के लिए आपको राहत मिल सकती है। इस पूरी प्रक्रिया में अपने पोर्टफोलियो का बैलेंस बनाए रखें।
स्वतंत्र हेल्थ इंश्योरेंस लें
मेडिकल इमरजेंसी कभी भी हो सकती है और यदि जॉब में नहीं हैं तो मेडिकल के खर्चों से काफी परेशानी हो सकती है। यह मेडिकल कवर कम से कम पांच लाख रुपए का होना चाहिए।
कर्ज चुकाने को दें प्राथमिकता
ज्यादातर लोग कोई न कोई लोन लेते हैं। अगर आपको किस्त चुकाने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो आप कर्जदाता से बात कर सकते हैं। ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड बिल्स को समय पर नहीं चुकाएंगे तो बाद में परेशानी होगी।
इसलिए न्यूनतम बकाया अमाउंट चुकाने की कोशिश करें। आप चाहें तो किसी दूसरे बैंक के क्रेडिट कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। दूसरा बैंक आपका न्यूनतम बकाया अमाउंट कम कर सकता है। अगर पूरे सेक्टर में ही जॉब नहीं है तो अपने डेबिट्स को री-स्ट्रक्चर करें।
लोन को करें टैकल
री-शिड्यूलिंग आप चाहें तो कर्जदाता से लोन की अवधि बढ़ाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपकी ईएमआई कम हो जाएगी। री-स्ट्रक्चर आप अपने कर्जदाता से अनुरोध कर सकते हैं कि वह ब्याज दरों के हिसाब से बेहतर डील दें। इससे फायदा हो सकता है।
स्विच आप किसी ऐसे कर्जदाता को लोन स्विच कर सकते हैं, जो कम ब्याज दर ऑफर करता हो। इससे आपको राहत मिलेगी। डिफर्मेंट कर्जदाता से कहें कि अभी आप अपनी ईमआई नहीं चुका सकते। कुछ समय बाद री-पेमेंट के लिए सुनिश्चित करें।
पोर्टफोलियो पर निगाह डालें
जब तक आपके पास जॉब नहीं है, तब तक आपको रुपयों की जरूरत पड़ेगी। इस स्थिति में आपको अपने निवेश पर भी निगाह डालनी चाहिए। अपना पोर्टफोलियो देखें और असेट अलोकेशन पर गौर करें।
अगर आपको लगता है कि आपने इक्विटीज में ज्यादा निवेश कर रखा है तो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका एक हिस्सा बेच सकते हैं। इससे कुछ समय के लिए आपको राहत मिल सकती है। इस पूरी प्रक्रिया में अपने पोर्टफोलियो का बैलेंस बनाए रखें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…