कंप्यूटर नेटवर्किंग के क्षेत्र में है असीम संभवानाएं…

कंप्यूटर नेटवर्किंग के क्षेत्र में है असीम संभवानाएं…

आज टेक्नोलॉजी ने दुनिया का चेहरा बदला है। जीवन के हर क्षेत्र में इसने अपनी अहमियत साबित की है। क्या शिक्षा, क्या व्यवसाय हर क्षेत्र में इसका दखल आसानी से महसूस किया जा सकता है। रोजमर्रा के कामों से लेकर कॉरपोरेट जगत की कठिन गुत्थियां सुलझाने तक जैसे हर काम में टक्नोलॉजी आपकी मदद में हाजिर रहती है। कहा जाए तो आज कम्युनिकेशन का सशक्त माध्यम है। यही कारण है कि इस छोटी सी अवधि मेंहमारे बीच गहरी पैठ बनाई है। टेक्नोलॉजिकल इम्पॉवरमेंट के इस दौर में कंप्यूटर इन सभी बदलावों की नींव में है और इन बदलावों में भी नेटवर्क टेक्नोलॉजी की सबसे खास भूमिका रही है। उस पर कंप्यूटर, मोबाइल, सैटेलाइट टीवी के बढे इस्तेमाल के बीच ये नेटवर्किंग ही है, जो आपको कनेक्ट रख आपकी जिंदगी को आसान बनाती है।

क्या है कंप्यूटर नेटवर्किंग
कंप्यूटर पर काम करने वाला कोई भी शख्स जान सकता है कि नेटवर्किंग की उसके काम में क्या अहमियत होती है। आप अपने सिस्टिम पर जो कुछ भी काम कर रहे हैं, उसे दूसरे सिस्टम के साथ शेयर करने समेतहर तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान, नेटवर्किंग के चलते ही संभव होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो नेटवर्किंग, बहुत से हार्डवेयर व कंप्यूटर सिस्टम का एक संगठित रूप है, जो एक विशाल क म्यूनिकेशन चैनल से जुडा होता है। इसकी मदद से सूचनाओं व संसाधनों को कई व्यक्ति एक ही समय में एक्सेस कर सकते हैं। काम की प्रकृति के हिसाब से नेटवर्क्स का क्लासीफि केशन भी किया जा सकता है। डेटा ट्रासंपोर्ट, कम्यूनिकेशन प्रोटोकॉल, स्केल, ऑर्गेनाइजेशन स्कोप आदि के अनुसार नेटवर्क में फर्क आता रहता हैं।

जरूरत ने बढाए अवसर
आईटी क्षेत्र के बढे महत्व के बीच आम आदमी तेजी से आईटी गतिविधियों से जुड रहा है। इन्कम टैक्स रिटर्न से लेकर व्यापारिक गतिविधियों में ई अपनी जगह बना रहा है। इसके चलते बिजिनेस टू कस्टमर वेबसाइट्स, ई-कॉमर्स, ई-गर्वनेंस, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, टेलीकॉम बेस्ड एप्लीकेशन-रिमोट सर्विस, आइवीआर (इंटरेक्टिव वाइस रिस्पांस) आदि तेजी से बढत बना रहे हैं। इस फील्ड में काम कर रहे लोगों के पास अवसरों की फिलहाल कोई कमी नहीं है।

कैसी होती है इंट्री
नेटवर्किंग के क्षेत्र में इंट्री के लिए कईतरह के कोर्स उपलब्ध हैं, जिसमें कंप्यूटर सांइस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्यूनिकेशन आदि में डिग्री व डिप्लोमा की जरूरत होती है। कुछ कंपनियां नियुक्ति के पूर्व कैंडिडेट्स के ग्लोबल सर्टिफि केशन को वरीयता देती हैं। एमसीएसई, यूनिक्स एडमिन, लाइनेक्स एडमिन सीएनई, सीसीएनए, सीसीडीए, सीसीआइपी नेटवर्किंग के सबसे लोकप्रिय ग्लोबल सर्टिफि केशन हैं। इन कोर्सो में इंट्री के लिए अमूमन 10प्लस2 (किसी भी स्ट्रीम) से होना आवश्यक है।

काबिलियत दिलाएगी जॉब
कंप्यूटर हार्डवेयर की बढिया नॉलेज कॅरियर की नींव है। एक अच्छे कोर्स की मदद से आप इस फील्ड में ऑपरेटिंग सिस्टम, माइक्रोप्रोसेसर, कंप्यूटर आर्किटेक्चर, एसेम्बलिंग, डिस-एसेम्बलिंग, इंस्टॉलिग, ट्रबलशूटिंग जैसी चीजें सीख सकते हैं। इन चीजों के जानने के बाद आप नेटवर्कि ंग में अपनी संभावनाएं पुख्ता कर सकते हैं। इसके अलावा पर्सनल स्किल्स की बात की जाए तो आपका टेक्नोसेवी होना, इंग्लिश की नॉलेज, बेहतर कम्यूनिकिशन स्किल्स के साथ जिज्ञासु होना भी आवश्यक हैं। इन पर्सनल क्वालिटीज की मदद से आप चाहें तो किसी संस्थान ही नहीं बल्कि अपना खुद का काम भी प्रारंभ कर सकते हैं।

कैसा है आने वाला कल
भारत भले ही आईटी क्षेत्र में एक महाशक्ति का दर्जा रखता हो, लेकिन यदि बात करें प्रति हजार लोगों पर पीसी की संख्या की तो हम विकसित देशों की तुलना में पीछे हैं। आज यही तथ्य इस क्षेत्र को नईरंगत दे रहा है। कहने का अर्थ यह है कि अभी भी इस क्षेत्र में अवसरों की बडी भूिम खाली पडी है, जहां आप चाहें तो अपने लायक अवसर खंगाल सकते हैं। उस पर देश में बढते आईटी व हार्डवेयर प्रोफेशनल्स, भारतीय व विदेशी कंपनियों की मौजूदगी, बेहतर सरकारी प्रावधानों ने यहां कॅरियर का स्कोप काफी बढाया है।

टाइप ऑफनेटवर्क
दूरी व स्थान के अनुसार नेटवर्क में फर्क आते रहते हैं। मोबाइल से लेकर इंटरनेट कनेक्शन, नेटवर्क के इसी विविधतापूर्ण संजाल से ही कार्य करते हैं। ऐसे में जानना जरूरी हैकि नेटवर्क के क्या हैं प्रकार और आयाम..
आज जमाना टेक्नोलॉजी का है। हर आदमी हर समय टेक कनेक्ट रहना चाहता है। मोबाइल, इंटरनेट, टीवी आदि इस कनेक्टिविटी के मिलान बिंदु हैं। इनकी मदद से आप दुनिया में कहीं भी हों नेटवर्क आपका साथ कभी नहीं छोडता। कनेक्टिविटी के इस विशाल संजाल का निर्माण इतना आसान नहीं है। इसमें बहुत से लोगों की मेहनत व बेहतर तकनीकी ज्ञान काम आता है। ऐसे में समझ सकते हैं कि ऑफिस में एक टेबल से दूसरी टेबल तक कनेक्टिविटी हो या फिर पूरे शहर के शहर को आपस में जोडने का काम, नेटवर्कसभी में एक कारगर भूमिका निभा सकता है। इस लिहाज से नेटवर्क के स्वरूपों में फर्क होता है।

प्रत्येक छह माह में बदल रहा है यह क्षेत्र
यह क्षेत्र हर छह माह में बदल रहा है। इसके अलावा ऐसे प्रोफेशनल्स की भी जरूरत है जो आधुनिक तकनीक और ज्ञान के क्षेत्र के बारे में निरंतर अपडेट रहते हैं और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेशन के साथ विश्व में कहीं पर भी कॅरियर बना सकते हैं। इंटरनेट की बढती उपलब्धता और संगठन के अंदर एवं बाहर लोगों को संपर्क में रखने के लिए नेटवर्क्स पर बढती निर्भरता के चलते भी प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की मांग अत्यधिक बढ रही है।
-मास्टर ट्रेनर एवं पेंटा सीसीआईई एवं नेटवर्क्स के सह-संस्थापक

लैन (लोकल एरिया नेटवर्क)
यह एक ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क होता है,जो एक सीमित दायरे में प्रभावी होता है। स्कूलों, कॉलेज कैंपस, लैब, ऑफिसों आदि में अमूमन लैन का ही इस्तेमाल किया जाता है।
वैन (वाइड एरिया नेटवर्क)
यह एक ऐसा टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क होता है, जो बहुत बडी परिधि में प्रभावी होता है। प्रसारण, डेटा रिले इत्यादि में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनेट इस प्रकार के ही नेटवर्क का उदाहरण है।
पैन (पर्सनल एरिया नेटवर्क)
पैन की पहुंच महज कुछ मीटर की ही होती है। इसके जरिए टेलीफ ोन, कंप्यूटर, पर्सनल डिजिटल असिस्टेंस आदि को एक दूसरे से कनेक्ट किया जाता है।
मैन (मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क)
यह साधारणतया शहरों व विशाल कैंपस को अपने जद में लेता है। इसमें बहुत सी लैन आपस में जुडी रहती हैं। मैन में फाइबर ऑप्टिकल लिंक्स, अप लिंक सर्विसेज जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है।
सैन (स्टोरेज एरिया नेटवर्क)
यह एक ऐसा नेटवर्कहै, जिसकी मदद से हम बडे स्तर पर डेटा स्टेारेज का काम करते हैं। जैेसे डिस्क ऐरे, टेप लाइब्रेरी।
कैन (कंट्रोलर एरिया नेटवर्क)
यह एक प्रकार का चालित नेटवर्क सिस्टम है, जिसके जरिए ट्रेनों, बसों, जलपोत, वायुयानों आदि में आंतरिक संचार को नियंत्रित व निर्देशित करने का काम किया जाता है।

नेटवर्क सिक्योरिटी
आज जैसे-जैसे संस्थान व गतिविधियां ऑनलाइन हो रहे हैं, उनके ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से लेकर संवेदनशील डेटा आदि का सुरक्षित ट्रांसफर महत्वपूर्णहो चला है। आज जबकि 300 से ज्यादा वायरस हर रोज रिलीज हो रहे हैं, अकाउंट हैकिंग एक आम बात हो चुकी है। इन सबकेचलते फुलप्रूफ नेटवर्क सिक्योरिटी इन दिनों बडी जरूरत बनकर उभरी है।

सर्विस टेक्नीशियन
तकनीक पर बढी हमारी निर्भरता के चलते आज सर्विस टेक्नीशियन का काम बहुत बढ चुका है। ये लोग अमूमन सर्विस प्रोवाइडर कंपनी द्वारा हायर किए जाते हैं, जो समय-समय पर उपभोक्ताओं के घर, आॅिफस या फि र उनके पास जाकर उनकी तकनीकी दिक्कतों व प्रोडेक्ट में आईखराबियों का निवारणकरते हैं।

नेटवर्किंग: संभावनाओं के असीम पंख
कहते हैं काम वह करना चाहिए, जो आपको संतुष्टि दे। यहां आप अपनी क्षमताओं से न्याय तो कर ही पाते हैं, साथ ही अपनी तरक्की का मार्गभी प्रशस्त कर सकते हैं। नेटवर्किंग एक ऐसा ही फील्ड है। आज इस क्षेत्र में काम का दायरा विस्तृत हुआ है। इसको देखते हुए यहां काम लायक संभावनाएं भी बढी हैं। आज जब देश के ज्यादातर कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण हो रहा है। इसके चलते इन कार्यालयों में परंपरागत कामों के इतर पृथक आईटी डिपार्टमेंट की भी आवश्यकता पडी है। ऐसे में इस क्षेत्र में अलग-अलग स्तरों पर काबिल युवाओं के लिए बेहतर अवसर जन्म चुके हैं।

नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन
यह नेटवर्किंग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इसके अंर्तगत आपको लैन (लोकल एरिया नेटवर्क), वान (वाइड एरिया नेटवर्क), वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) जैसे कंप्यूटर संजालों का उचित कंफीगरेशन व प्रबंधन का काम देखना होता है। संस्थान में नेटवर्क कैसे काम कर रहा है, उसमें आने वाली तकनीकी दिक्कतों को दूर करना, नेटवर्क सिक्योरिटी की देख -रेख आदि भी नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर के काम हैं। कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सिस्टम्स जैसे, विंडो एनटी, नोवेल, यूनिक्स, लाइनेक्स के साथ-साथ नेटवर्क एप्लीकेशन वायरस प्रोटेक्शन की गहरी नॉलेज इस क्षेत्र में सफलता के लिए जरूरी है।

नेटवर्क मैनेजर
इसका काम एडमिनिस्ट्रेटर, इंजीनियर, टेक्नीशियन, प्रोग्रामर्स के काम को सुपरवाइज करना होता है। इस क्षेत्र में कंपनी की दीर्घावधि योजनाओं व रणनीतियों को सफल बनाने में इनका अहम योगदान होता है।

नेटवर्क टेक्नीशियन
नेटवर्क टेक्नीशियन भी कंप्यूटर संजालों की अबाध गति के लिए आवश्यक है। इनकी महत्ता को देखते हुए अधिकांश संस्थान इस तरह के एक्सपर्ट को स्थाई जगह देते हैं। इनका मुख्य काम सिस्टम में आईखराबियों को दूर करने के साथ हार्डवेयर रिपेयरिंग करना होता है।

सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर व एनालिसिस्ट
आईटी रिवोल्यूशन के दौर में इस फील्ड से जुडे हर व्यक्ति को रोजगार के भरपूर अवसर मिले हैं। सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर व एनालिसिस्ट इन्हीं में आते हैं। ये लोग सॉफ्टवेयर प्रोग्रा¨मग के जरिए थर्डपार्टी प्रोडेक्ट (जब कोई कंपनी या कंपनियों का गठजोड किसी अन्य कंपनी का प्रोडेक्ट व सेवाएं इस्तेमाल करती हैं) को और बेहतर बनाने का काम करते हैं। साथ ही एक अलग नेटवर्क में काम करने लायक सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी केनिर्माण में भी इन लोगों की भूिमका होती है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…