तंजानिया: एक खूबसूरत पूर्वी अफ्रीकन देश…

तंजानिया: एक खूबसूरत पूर्वी अफ्रीकन देश…

आपने फिल्मी अवॉर्ड शो में कई बार दक्षिण अफ्रीका को देखा होगा। कई बार क्रिकेट खेलते खिलाड़ियों के साथ आपने केन्या के मैदान देखे होंगे। ईदी अमीन के जुल्मों की कहानियां आपने यूगांडा के इतिहास में पढ़ी होंगी किंतु इन देशों के बीच एक पूर्वी अफ्रीकन देश के बारे में शायद बहुत सारे लोगों को कुछ नहीं पता।

ईस्ट अफ्रीका का यह देश तंजानिया है जिसे पहले तांगानिका कहा जाता था। इस देश की आजादी के बाद इसका नाम तंजानिया रखा गया जिसके बारे में हमारे भारत के बहुत कम लोग जानते हैं। तंजानिया के उत्तरी भाग में इथोपिया, केन्या और यूगांडा नामक देश आते हैं।

खासकर उत्तर भारत, दक्षिण भारत और पूर्वी भारत में लोग इस देश से अनभिज्ञ हैं। गुजरात के लिए नहीं कहूंगी कि लोग नहीं जानते इस देश के बारे में, क्योंकि यहां हजारों की संख्या में गुजराती लोग रहते हैं (अब तो कुछ-कुछ मुंबई और साउथ इंडिया के लोग भी आ रहे हैं, पर बहुत कम मात्रा में।)

तंजानिया एक बहुत खूबसूरत देश है। यहां के संग्रहालय और प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। तंजानिया की राजधानी दार-ए-सलाम है, जो कि भूमध्य रेखा पर स्थित है। इस वजह से यहां (दार-ए-सलाम में) गर्मी हुआ करती है।

किंतु तंजानिया में हिमालय के बाद का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पर्वत किलिमंजारो है, जो अरुशा शहर के निकट है। दार-ए-सलाम से 650 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अरुशा शहर किलिमंजारो की तलहटी में बसा हुआ है। यह किलिमंजारो पर्वत का नयनरम्य दृश्य है, जो मन को मोह लेता है।

यहां से गोरोंगोरो नेशनल पार्क जाया जा सकता है। जहां जिराफ, तेंदुए, शेर, हाथी शुतुरमुर्ग और जेबरा जैसे कई अलग-अलग प्रजातियों के वन्य प्राणियों को देखने लोग यूरोप और अमेरिका से यहां आते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ जानवरों को देखने का लुत्फ उठाते हैं।

यहां का एक दूसरा मोसी नामक छोटा-सा शहर है जिसके 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित किलिमंजारो क्रिश्चियन मेडिकल सेंटर विश्वविख्यात है।

यहां के लोग हरेक धर्म को बेहद सम्मानपूर्ण दर्जा देते हैं। हर धर्म के लोग यहां हैं और बड़े प्यार से सब साथ रहते हैं। यहां जात-पात को लेकर मनमुटाव या भेदभाव नहीं होते हैं। यहां गुरुद्वारे हैं, हिन्दू के सनातन मंदिर हैं, स्वामीनारायण मंदिर हैं और इस्लाम धर्म की अनेक मस्जिदें भी हैं और क्रिश्चियंस के गिरिजाघर भी हैं।

यहां के लोग काले होते है किंतु बहुत भोले होते हैं। यहां पर स्वाहिली भाषा बोली जाती है किंतु इंग्लिश, गुजराती व हिन्दी भी बोली जाती है। हिन्दी व गुजराती भाषा हिन्दुस्तानी लोग बोलते हैं। यहां के स्कूलों में स्वाहिली और इंग्लिश सिखलाई जाती है। कुल मिलाकर तंजानिया एक बहुत ही प्यारा देश है। यहां की करंसी को शीलिंग कहा जाता है।

जांजीबार तंजानिया का टापू है, जो मसालों के लिए विश्वविख्यात है, जहां लौंग, इलायची, जायफल, तेजपत्ता, दालचीनी मुख्य रूप से उगाई जाती है और इन चीजों का निर्यात भी किया जाता है विश्व के अन्य देशों को।

जांजीबार में कई जगह देखने और घूमने लायक हैं। यह टापू चारों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। दार-ए-सलाम से बोट द्वारा डेढ़ से दो घंटे में जांजीबार पहुंचा जा सकता है और प्लेन में 15 मिनट में हम दार-ए-सलाम से जांजीबार पहुंच सकते हैं, जहां आधुनिक सज्जा से सजी नई-नई होटल्स भी हैं तथा आप वहां इंडियन व अफ्रीकन फूड का लुत्फ उठा सकते हैं।

यदि आप जांजीबार जाएं तो वहां के लौंग के बगीचे देखने जरूर जाइए। इसे स्पाइस टूर कहा जाता है वह लीजिएगा, क्योंकि यहां के जो गहरे रंग के लोग आपका भावभीना स्वागत करेंगे, वह आपको जरूर बेहद पसंद आएगा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…