UP में पीएफआइ पर शिकंजा कसा, 13 सक्रिय सदस्य गिरफ्तार…

लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…

UP में पीएफआइ पर शिकंजा कसा, 13 सक्रिय सदस्य गिरफ्तार…

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन को हिंसक बनाने की नींव रखने वाले चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय कार्यकर्ता अब पुलिस के रडार पर हैं। लम्बे समय से प्रदेश के कई शहरों में इनकी सक्रियता पर नजर रखी जा रही है और विरोध को हिंसक बनाने के मामले में शुक्रवार अब तक 13 को गिरफ्तार किया गया है।कानपुर और लखनऊ में पांच-पांच तथा बहराइच में तीन को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ नागरिकता संशोधन अधिनियम और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़काने के आरोप हैं। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर इन सभी को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हल्का विरोध 15 दिसंबर से शुरू हो गया था। इसके बाद 18 और 20 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया।कानपुर पुलिस की जांच में पता चला है कि 15 दिसंबर से लेकर अब तक शहर में सीएए के विरोध को लेकर जो हिंसा और धरना-प्रदर्शन हुए, उसकी फंडिंग पीएफआइ ने ही की थी। इसके साथ ही मोहम्मद अली पार्क चमनगंज में चल रहा प्रदर्शन भी इसी फंड के जरिये संचालित होने की भी जानकारी मिली है। यहां बाबूपुरवा मे हिंसा के बाद गोलीबारी, पथराव और आगजनी में तीन लोगों की मौत हो गई थी, एक दर्जन लोग घायल हुए थे। यतीमखाने से हजारों की भीड़ ने निषेधाज्ञा तोड़कर शहर के बड़े हिस्से में जुलूस निकाला था, जिससे पूरे शहर में अफरातफरी मच गई थी। दूसरे दिन यतीमखाना में पुलिस के साथ उपद्रवियों का खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 40 से अधिक लोग घायल हुए। मोहम्मद अली पार्क में एक महीने से भी अधिक समय से महिलाएं आंदोलन कर रही हैं।पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पता चला था कि केरल के चरमपंथी संगठन पीएफआई ने इन सभी को विरोध के लिए धन मुहैया कराया है। एसएसपी अनंत देव ने बताया सेंट्रल एजेंसियों से इनपुट मिला था कि कानपुर में हो रहे बवाल के पीछे पीएफआई का हाथ है। पीएफआई ने इसके लिए यहां मोटी रकम खर्च की है। अब जांच में इनपुट पुख्ता हो गया। चरमपंथी संगठन के कुछ बैंक अकाउंट पर पुलिस की नजर में हैं। एसएसपी के मुताबिक मोहम्मद अली पार्क में चल रहे धरना-प्रदर्शन में भी पीएफआइ का धन प्रयोग हो रहा है।लखनऊ में प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के पांच कार्यकर्ताओं समेत 11 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आठ प्रदर्शनकारियों को ठाकुरगंज व तीन को हसनगंज थाने की पुलिस ने पकड़ा है। लखनऊ में ठाकुरगंज पुलिस ने जिन दो पीएफआइ कार्यकर्ताओं को पकड़ा, वह गुरुवार देर शाम प्रदर्शनकारियों को भड़काकर कैंडल मार्च के साथ टेंट लगाने का प्रयास कर रहे थे। विरोध पर पुलिस से धक्कामुक्की की और जमकर हंगामा काटा। जिससे अफरातफरी मच गई और सड़क पर भीषण जाग लग गया। ठाकुरगंज थाने में 15 को नामजद कर सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों पर एक और एफआइआर दर्ज की गई। बलवा, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, सात सीएलए एक्ट समेत अन्य आइपीसी की गंभीर धाराओं में मुकदमा हुआ है।गिरफ्तार अभियुक्तों में नादान महल रोड निवासी मोहम्मद ताहिर, हुसैनाबाद निवासी जुगनू, नाका निवासी मो.शान, बिजनौर निवासी रहबर, हसनगंज निवासी दाऊद, डालीगंज निवासी सावेज व बीकेटी का तुफैल सिद्दीकी है। तुफैल और सावेज पीएफआइ का सक्रिय कार्यकर्ता है। सावेज गत 19 दिसंबर को परिवर्तन चौक पर आगजनी व पथराव की घटना में जेल जा चुका है, अभी हाल ही में छूटा है। इसके साथ हसनगंज पुलिस ने विकासनगर निवासी शकीलुर्रहमान, गाजीपुर निवासी शाबी खान व इंदिरानगर निवासी मोहम्मद अरशद को गिरफ्तार किया है। तीनों ने 19 दिसंबर को लखनऊ में आगजनी व पथराव की घटना की साजिश रची थी।बहराइच में सुरक्षा एजेंसियों की सूचना पर नगर कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को बौंडी थाना क्षेत्र से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सभी 20 दिसंबर को शहर में हुए जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में पुलिस पर पथराव, वाहनों में तोडफ़ोड व लूटपाट की घटना में शामिल थे। पकड़े गए लोगों में दो आरोपितों के संबंध पीएफआई से भी बताए जा रहे है। पुलिस ने इस मामले में चार और संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।बहराइच के प्रभारी एसपी रवींद्र सिंह ने बताया शुक्रवार को कोतवाल राम प्रकाश ने शहर में सीएए व एनआरसी के विरोध में पुलिस पर पथराव कर माहौल बिगाडऩे वाले तीन और उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित नसीर पुत्र मुहम्मद मुस्लिम निवासी चंदौली थाना बौंडी, अयूब व इश्हाक पुत्रगण मंजूर निवासीगण जैतापुर थाना बौंडी के रहने वाले हैं। आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य भी पुलिस के पास है। प्रभारी एसपी ने बताया कि पकड़े गए दो लोगों के संबंध पीएफआई से बताए जा रहे है।प्रभारी एसपी ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। चार अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शहर में प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव करने वाले 43 उपद्रवियों को पहले ही नगर कोतवाली व दरगाह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, तोडफोड़, लूटपाट आदि का मुकदमा दर्ज किया गया था।लखनऊ में घंटाघर पर प्रदर्शन के मामले में पुलिस अब तक 300 से अधिक प्रदर्शनकारियों पर एफआइआर दर्ज कर चुकी है। दो दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें सपा की महिला नेता पूजा शुुक्ला भी शामिल है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार 11 प्रदर्शनकारियों को जेल भेजा गया है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

हिन्द वतन की रिपोर्ट…