लखनऊ: आश्वासन अधूरा, एलडीए के बाहर गरजे किसान…
लखनऊ। सीतापुर रोड योजना से प्रभावित किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो एक बार फिर लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरना कर नारेबाजी की। अधिकारियों के न पहुंचने पर मुख्यमंत्री आवास कूच करने के दौरान पुलिस बल ने रोक लिया। तब जाकर उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी धरने पर पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया।
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन अवध राजू गुप्ता संगठन के बैनर तले लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य गेट पर सैकड़ों किसान एकजुट हुए। जिला प्रभारी रमेश राजपूत के नेतृत्व में महिला व पुरुष किसानाें ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। जिसमें मुआवजा व चबूतरों की मांग की। रमेश ने बताया कि आठ वर्ष पहले सीतापुर रोड जानकीपुरम् योजना बनाने में 2300 किसानों की भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अधिग्रहित की थी। इसकी एवज में अधिकांश किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। जिन्हें मिला तो उनकी दरों में अंतर है। वहीं, प्रभावित किसानों को भरण-पोषण के लिए चबूतरे देने थे। जिसमें 800 किसानों को चबूतरे दिए गए। शेष के लिए बराबर लड़ते आ रहे हैं और हर बार आश्वासन मिल रहा है।
इसी तरह दिसंबर में दिन-रात प्रदर्शन किया था। जिसमें 400 चबूतरे देने का आश्वासन मिला था। साथ ही मुआवजा के लिए शासन स्तर पर पत्राचार करने की बात कही गई थी। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। इधर, शाम तक धरने में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो किसानों ने मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए बढ़े। इस बात की जानकारी होते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और किसानों को उपाध्यक्ष से वार्ता करने का आश्वासन दिया। इसके बाद उपाध्यक्ष खुद धरने पर पहुंचे और 15 मार्च तक मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है। रमेश ने बताया कि आश्वासन पर धरना खत्म कर दिया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…