त्रिपुरा चुनाव के लिए प्रचार अभियान समाप्त, विपक्ष ने जतायी हिंसा की आशंका…

त्रिपुरा चुनाव के लिए प्रचार अभियान समाप्त, विपक्ष ने जतायी हिंसा की आशंका…

अगरतला,। त्रिपुरा विधानसभा के 60 सदस्यों के चुनाव के लिए प्रचार अभियान मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया। त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होने जा रहा है, जहां 28.13 लाख मतदाता 60 विधानसभा क्षेत्रों के 3328 मतदान केंद्रों पर 58 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित 259 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतगणना दो मार्च को होगी।
इस बार मुख्यमंत्री और प्रमुख दलों ने आस-पास के निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के साथ शहरों में पारंपरिक मेगा रोड शो करने की बजाय अपने उम्मीदवारों को मतदाताओं को लुभाने के लिए संबंधित क्षेत्रों और इलाकों तक सीमित करके अंतिम मिनट तक घर-घर जाकर अभियान चलाने को प्राथमिकता दी है।
राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव में चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए अपने सभी उम्मीदवारों को अभियान की समाप्ति के बाद भी मतदाताओं तक पहुंचने का कार्यक्रम जारी रखने का निर्देश दिया है। हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सड़क पर कोई रंगारंग रोड शो और चुनावी गीत एवं बैंड-बाजे के साथ जुलूस नहीं निकला।
अभियानों के अंत में भाजपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के नेताओं ने प्रेस को संबोधित करते हुए संबंधित पार्टियों की जीत का दावा किया।
भाजपा ने जहां मतदाताओं से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया, वहीं विपक्षी कांग्रेस और माकपा ने लोकतंत्र की बहाली के लिए मतदान करने और समग्र विकास एवं शांति के लिए जन-समर्थक सरकार बनाने की मांग की।
चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जताते हुए माकपा के प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी और कांग्रेस विधायक सुदीप रॉयवर्मन ने मीडिया से अलग से बातचीत में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव मशीनरी और पुलिस पर कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा कम करने का दबाव बना रही है, जहां वे हिंसा का सहारा लेकर और मतदाताओं को मतदान करने से रोककर चुनाव में धांधली करना चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को बुलाया है और उनकी बात नहीं मानने पर उनके करियर को खतरे में डालने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, “हमने मामले को मुख्य चुनाव आयुक्त के संज्ञान में लाया है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।”