त्रिपुरा के विपक्षी दलों ने राज्य को लूटने के लिए हाथ मिलाया : मोदी…

त्रिपुरा के विपक्षी दलों ने राज्य को लूटने के लिए हाथ मिलाया : मोदी…

अगरतला, 14 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को त्रिपुरा में वामपंथी-कांग्रेस गठबंधन पर जोरदार हमला बोला और इसे अनैतिक करार दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में विपक्षी ताकतें विकास की राशि को ‘लूटने’ के लिए एक साथ आ गई हैं। श्री मोदी ने इस पूर्वोत्तर राज्य में 16 फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी क्षेत्रों की आखिरी बड़ी रैली को संबोधित करते हुए मतदाताओं से शांतिपूर्ण और भारी मतदान सुनिश्चित करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और टीआईपीआरए मोथा की ओर इशारा करते हुए लोगों को चेताया कि वह ‘चंदा और झंडावाला कंपनी’ के झांसे में न आये। उन्होंने कहा कि ‘लूटने वाली कंपनी’ और ‘विभाजनकारी गिरोह’ से हाथ मिलाया है और विकास निधि को हड़पने की अपनी पुरानी प्रथा को बहाल करना चाहते है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत गरीबों के आवास के लिए केंद्रीय बजट में सबसे ज्यादा 80 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ‘गिरोह’ की नजर इस राशि को लूटने पर है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा ने पांच साल में पीएमएवाई के तहत तीन लाख से अधिक घरों के निर्माण के साथ देश में एक रिकॉर्ड बनाया है। श्री मोदी ने कहा, “जब मैं 2014 में प्रधान मंत्री बना, तो मैंने तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार से पीएमएवाई योजना का लाभ उठाने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इसमे कोई रूचि नहीं दिखायी। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने से पहले मेरी पूरी कोशिश के बावजूद कुछ हजार लोगों को ही घर दिए गए। लेकिन 2018 में डबल इंजन सरकार (केंद्र और एक विशेष राज्य दोनों में एक ही पार्टी द्वारा चलायी जाने वाली सरकारें) स्थापित होने के बाद यह आंकड़ा तीन लाख से अधिक हो गया।” त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना करते हुए श्री मोदी ने आरोप लगाया कि वाम मोर्चा और कांग्रेस दोनों सत्ता का आनंद लेना चाहते हैं और त्रिपुरा में अपने कैडर राज को फिर से स्थापित करना चाहते हैं। वामपंथी राज्य के लोगों को अपना ‘गुलाम’ (सेवक) मानते थे और वे ‘बादशाह’ (राजा) का ढोंग करते थे। उन्होंने कहा, “एचआईआरए (हाईवे, इंटरनेट-वे, रोडवेज और एयरवे) मॉडल की लाइन में विकास आज त्रिपुरा में हर जगह जगमगा रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “त्रिपुरा में वाम मोर्चे के लम्बे शासन के दौरान कानून का कोई राज नहीं था, सरकारी विभाग सीपीएम कैडर द्वारा चलाए जा रहे थे और पुलिस थाने इसी कैडर के नियंत्रण में थे। सरकारी सुविधाएं केवल उनके कैडर तक ही सीमित थीं। लेकिन भाजपा ने बहुत कम समय में कानून और शांति का राज कायम किया।” उन्होंने दावा किया कि राज्य में अब एक भी परिवार नहीं है जिसे भाजपा की डबल इंजन सरकार का लाभ नहीं मिला हो। भाजपा ने राजा राधा किशोर माणिक्य और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के दर्शन के साथ पांच साल तक शासन किया, जिन्होंने हमेशा समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों के विकास को प्राथमिकता दी। श्री मोदी ने दावा किया, “वाम शासन में किसी अन्य पार्टी को चुनाव के दौरान भी अपने झंडे और तोरण लगाने की अनुमति नहीं थी। लेकिन भाजपा ने प्रत्येक राजनीतिक दल के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित किया है और वह स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा झंडा लगाने वालों को शाम तक डंडा लगता था।” माकपा-कांग्रेस के गठजोड़ को ‘अनैतिक’ और ‘नेताओं का गठजोड़’ करार देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा,“माकपा कार्यकर्ताओं ने सत्ता में रहते हुए 25 वर्षों में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या की है। कांग्रेस समर्थकों को नियमित रूप से माकपा द्वारा अत्याचार और यातना का सामना करना पड़ा और उनके वैध लाभ भी नहीं दिए गए। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने सिर्फ सत्ता का आनंद लेने के लिए कम्युनिस्टों से हाथ मिला लिया है। आम समर्थक इसे स्वीकार नहीं करते हैं और इसलिए पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की वापसी तय है।”

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…