ई-कॉमर्स में पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल को लेकर भारत ने मांगी राय…

ई-कॉमर्स में पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल को लेकर भारत ने मांगी राय…

नई दिल्ली, 11 फरवरी। भारत ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल और उसकी स्वीकार्यता को लेकर विकासशील और कम विकसित देशों में हो रही दिक्कतों पर विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के सदस्य देशों से राय मांगी है। साथ ही वैश्विक ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर भी भारत ने सदस्यों की राय मांगी है।

भारत ने अंतिम समझौते से पहले डब्लूटीओ में ई-कॉमर्स क्षेत्र के उपभोक्ता सुरक्षा और डिजिटल ढांचे से संबंधित दो पर्चे दाखिल किए हैं। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भारत चाहता है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में कोई फैसला लेने या नियम बनाने से पहले डब्लूटीओ के सदस्य इन सभी मुद्दों पर ‘गहराई’ से चर्चा करें।

भारत में डब्लूटीओ में उपभोक्ता सुरक्षा पर एक पर्चा पिछले साल दिसंबर में दाखिल किया था। दिसंबर में दाखिल पर्चे में सदस्य देशों से ई-कॉमर्स के क्षेत्र मं उपभोक्ता संरक्षण में व्यापार संगठन की भूमिका बढ़ाने की बात कही गई थी और सदस्य देशों से यह पूछा गया था कि इस मसले पर प्रवर्तन एजेंसियों के बीच किस तरह से सहयोग हो सकता है।

वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव पीयूष कुमार ने कहा कि इन दो पत्रों के दाखिल किए जाने से ई-कॉमर्स पर बहुपक्षीय चर्चा की ओर ध्यान केंद्रित होगा। कुमार ने कहा, ‘उम्मीद की जा रही है कि इन पत्रों से डब्ल्यूटीओ में ई-कॉमर्स की चर्चा को बैकल्पिक राह मिलेगी।’

वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव दर्पण जैन ने कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है और इसका विकासशील व गरीब देशों पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए इस पर डब्लूटीओ में बहुपक्षीय व्यवस्था में चर्चा होनी चाहिए न सिर्फ कुछ देशों के एक समूह में। वर्तमान में ई-कॉमर्स कानून का मसौदा बनाने के लिए 87 देशों, जिनमें ज्यादातर विकसित हैं, का एक समूह चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये दो पर्चे चर्चा के लिए आधार तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने किसी कानून का प्रस्ताव नहीं दिया है।

जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम कह रहे हैं कि इन मुद्दों पर विस्तार से बहुपक्षीय चर्चाएं नहीं हुई हैं। इसलिए सभी सदस्यों को सबसे पहले इन मुद्दों पर चर्चा करनी है। हमें सबसे पहले गहराई से चर्चा करनी है।’

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…