केंद्रीय बजट 2023-24 : अवसर, रोजगार और आर्थिक स्थिरता पर केंद्रित बजट…

केंद्रीय बजट 2023-24 : अवसर, रोजगार और आर्थिक स्थिरता पर केंद्रित बजट…

नई दिल्ली, 01 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट को अमृतकाल का पहला बजट करार देते हुए आज कहा कि यह नागरिकों को बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराने, रोजगार सृजित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के लिए हैं।
श्रीमती सीतारमण ने बुधवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक एजेंडे के केंद्र में नागरिकों को विकास और बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराना, अर्थव्यव्यवस्था के विकास को सुदृढ़ बल देना और रोजगार सृजित करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से इन उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले नौ साल में दुनिया में दसवें स्थान से बढ़कर पांचवें स्थान पर आ गयी है। भारत ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अर्थव्यवस्था तेजी से औपचारिक रुप ग्रहण कर रही है। योजनाओं को कुशलता से लागू किया जा रहा है जिससे समग्र विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि अमृतकाल के इस पहले बजट का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को और मजबूत करना तथा विकास के लक्ष्यों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाना है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है और यह विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था है, आने वाले वर्षों में भी हम आगे रहेंगे।” उन्होंने कहा कि विश्व ने भारत की अर्थव्यवस्था के महत्व को पहचाना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की नरमी के बावजूद भारत में मजबूती दिखाई है हमारे सुधार जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि यूपीआई, कोविन ऐप, नेशनल हाइड्रोजन मिशन और विश्व में पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली के लिए भारत में लाइफ मिशन शुरू किया है वह भारत की छवि को बढ़ाने वाला है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि राज्यों के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा एक वर्ष के लिए बढ़ायी गयी है। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत मिशन मोड पर है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक बढ़ कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। कमजोर आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मिशन शुरु किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बजट आवंटन में 66 प्रतिशत की बढोतरी, 79 हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।
उन्होेंने कहा कि बच्चों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किये जायेंगे। कृषि क्षेत्र के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के ऋण प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दो लाख करोड़ रुपए का वहन केंद्र सरकार करेगी। सरकार कृषि क्षेत्र के लिए ओपन सोर्स पर आधारित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म बनाएं जाएगें। कृषि स्टार्ट अप के लिए विशेष निधि होगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अस्पतालों को बहु विशेषज्ञता से संबंधित उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा और भविष्य की तकनीक के लिए कुशल मानव श्रम बल सुनिश्चित किया जाएगा। इन उपकरणों के लिए देश में शोध और विकास पर जोर होगा। उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से फार्मा क्षेत्र में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाएगा और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के उद्योगों को शाेध एवंं विकास क्षेत्र निवेश के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की चयनित प्रयोगशालाओं को सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों के लिए खोला जाएगा और निजी क्षेत्र को इसमें सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए मिशन शुरू किया जाएगा। इससे प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 40 वर्ष तक के सात करोड़ लोगों की जांच की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के भारी अवसरों को देखते हुए राज्यों के सहयोग से मिशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 63 हजार प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी का 2516 करोड़ रुपए के निवेश से डिजिटलीकरण किया जाएगा। इससे किसानों को फसलों के लिए बेहतर दाम मिल सकेंगे। अगले पांच वर्ष में गांवों को मछली पालन और पशुपालन से संबंधित सहकारी समितियां शुरू की जाएगीं। प्राकृतिक खेती के लिए 10 हजार बायो इनपुट केन्द्र होंगे स्थापित होंगे। गोवर्धन योजना के तहत 500 संयंत्रों की स्थापना होगी। बागवानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पौध सामग्री के लिए 2200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए प्रधानमंत्री विश्व कर्म कुशल सम्मान योजना आरंभ होगी। इससे संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता आदि में सुधार होगा और शोध किया जाएगा। इनको एमएसएमई क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए के निवेश से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत उप योजना आरंभ होगी जो मत्स्य उद्योग से जुड़े उद्योगों को संबल प्रदान करेगी।
अगले वित्त वर्ष के बजट में वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और टेलीविजन सेट में लगने वाले कैमरा और कुछ अन्य कलपुर्जाें पर आयात शुल्क में कमी घोषणा की। कपड़े और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क की मूल दर 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत की गयी। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2024-25 तक 4.5 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। बजट अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रहेगा और अगले वित्त वर्ष में यह पांच प्रतिशत होगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जेल में बंद गरीब कैदियों को जुर्माने और जमानत राशि के लिए जरूरी वित्तीय मदद किया जाएगी। इसके अलावा वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत पुराने वाहनों को बदलने में राज्यों की मदद की जाएगी।
आदिवासी क्षेत्रों में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए तीन वर्षाें के दौरान 38 हजार शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती होगी। क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डे, हेलिपैड, वाटर एयरो ड्रोन बनेंगे।
वित्त मंत्री ने देश में मिलेट्स (ज्वार, बाजार और मोटे अनाजों) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद स्थिति भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को केन्द्र से मदद बढ़ाने तथा उसे उत्कृष्टता केन्द्र का दर्जा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत श्रीअन्न (मिलेट्स) का उत्पादन और निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत को श्रीअन्न का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में मदद की जाएगी ताकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा कर सके।
श्रीमती सीतारमण ने किसानों की सुविधा के लिए डिजिटल सार्वजनिक और इंफ्रास्ट्रक्टर प्लेटफॉर्म शुरू करने की घोषणा की। यह प्लेटफॉर्म ओपन सोर्स पर आधारित होगा और समावेशी होगा। इस पर किसानों के लिए पादप संरक्षण, कृषि सामग्री और परामर्श आदि की सुविधाएं जुटाने में आसानी होगी। उन्होंने कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग विशेष योजना बनाने की घोषणा की।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नई कर प्रणाली में सात लाख रुपये वार्षिक आय को कर से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही आयकर स्लैब को छह से पांच कर दिया गया है। अब आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर तीन लाख रुपये की गयी, तीन से छह लाख तक पांच प्रतिशत, छह से नौ लाख तक 10 प्रतिशत, नौ से 12 लाख तक 15 प्रतिशत और 12 से 15 लाख तक 20 प्रतिशत किया गया। इसके साथ ही 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…