फैशनेबल चश्मों में अब लाइट वाले चश्मे भी…

फैशनेबल चश्मों में अब लाइट वाले चश्मे भी…

चश्मे आंखों को धूप, धूल आदि से बचाने के साथ-साथ एक तरह का फैशन स्टेटमेंट भी बन चुके हैं। दूरदृष्टि और अल्पदृष्टि दोष की स्थिति में तो चश्मे पहनना जरूरी है ही। चश्मे भले ही धूप के हों या फिर नज़र के, उन्हें अधिक बेहतर, सुविधाजनक और ट्रेंडी बनाने के लिए बदलाव लगातार जारी हैं। लेकिन कई बार ऐसे प्रयोग भी दिखाई दे जाते हैं जो आपको दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर देते हैं।

शायद आपने किसी फिल्म में उन चश्मों को देखा हो, जिनमें बारिश से बचाने के लिए वाइपर लगे हुए थे! वे कितने उपयोगी थे और कितने दिखावटी, कहना मुश्किल है। बहरहाल, यहां एक ऐसा चश्मा डिजाइन किया गया है जो रात के समय पढ़ने वालों को बहुत पसंद आएगा, खासकर छात्रों को। हैमैकर नाम की कंपनी द्वारा जारी इस चश्मे के दोनों ओर तेज रोशनी वाली एलईडी लाइट्स लगी हुई हैं। अब भले ही आप साधारण किताबें पढ़ते हों या ईबुक रीडर जैसे किसी गैजेट पर ईबुक्स का मज़ा लेते हों, इन चश्मों को पहनने के बाद अंधेरे या कम रोशनी में किताब पढ़ना कोई समस्या नहीं रह जाएगा। जिन्हें आम तौर पर यात्रा पर रहना होता है उनके लिए तो ये चश्मे वरदान सिद्ध होंगे। दूसरों के लिए असुविधा पैदा किए बिना पढ़ना-लिखना आसान कर देते हैं ये चश्मे।

चश्मे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आपकी आंखों से करीब एक-डेढ़ फुट दूर रखी किताब पर रोशनी एकदम सीधी पड़ती है। यह रोशनी सामान्य लाइटों की तरह इधर-उधर अधिक फैलती नहीं है। दोनों तरफ लगी एलईडी लाइट्स इतनी शक्तिशाली हैं कि पन्नों पर लिखी इबारतें साफ-साफ दिखती हैं। अगर आपकी आंखों में दूरदृष्टि दोष (पावर) है तो कोई बात नहीं। ये चश्मे चार अलग-अलग शक्ति के पावर में भी उपलब्ध हैं। ये पावर हैं- 1.0, 1.5, 2 और 2.5 डाइऑप्टर। ये लाइट्स चार्जेबल हैं और एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद करीब ढाई घंटे तक तेज, उजली, सफेद रोशनी देती रहती हैं। बैटरी पूरी तरह चार्ज करने में करीब एक घंटा लगता है।

हैमैकर नामक कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए इन चश्मों पर लाइफटाइम गारंटी दी जाती है। ये टिकाऊ हार्ड प्लास्टिक से बने हैं और इनके स्क्रैच रेजिस्टेंट शीशों पर छोटी-मोटी रगड़ से निशान नहीं पड़ते। साथ में प्लास्टिक का ट्रैवल केस भी मिलता है। इन अनोखे चश्मों की कीमत है करीब तीन हजार रुपए।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…