जम्मू में भूमि बेदखली आदेश के खिलाफ डीएपी ने किया विरोध प्रदर्शन…
जम्मू,। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से भूमि बेदखली के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
आदेश के खिलाफ ‘जमीन व्यवस्था वापस करो’, ‘प्रशासन होश में आओ’ के नारे लगाते हुए डीएपी के प्रदर्शनकारियों ने संभाग आयुक्त कार्यालय तक मार्च किया और ज्ञापन सौंपा।
डीएपी के महासचिव आरएस चिब ने कहा कि डीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के निर्देश पर पार्टी ने सरकार के भूमि बेदखली आदेश के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिकारों के लिए खड़े होने और लड़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा,“रोशनी अधिनियम के तहत भूमि तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की विधायिका के माध्यम से लोगों को आवंटित की गई थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों को इस योजना से लाभ मिला था, उन्हें जमीन खाली करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि मामला उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार उन लोगों को बेदखल करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है, जिन्होंने कानूनी तौर पर जमीन का मालिकाना हक हासिल कर लिया है। वे इस कड़ाके की सर्दी में कहां जाएं। उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक सरकारी भूमि को वापस लेने और लोगों को जबरन बेदखल करने का आदेश मानवाधिकारों का बर्बर उल्लंघन है।
श्री चिब ने कहा,“प्रदेश प्रशासन के आदेश ने हजारों लोगों में दहशत पैदा कर दी है। उन्हें इस आदेश से रातों-रात बेघर और भूमिहीन होने का डर सता रहा है। इसे तुरंत रद्द कर दिया जाना चाहिए।”
डीएपी के उपाध्यक्ष जीएम सरूरी ने कहा कि जब श्री आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भूमिहीनों और बेघरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भूमि आवंटित की थी। पर मौजूदा व्यवस्था लोगों के संसाधनों को छीनकर उन्हें बेदखल करने पर आमादा नजर आ रही है।
प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर ने कहा,“डीएपी उन लोगों के साथ खड़ा है जो इस कार्यकारी आदेश से पीड़ित हो रहे हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। केवल चुनी हुई सरकारें ही लोगों के भाग्य का फैसला कर सकती है।” उन्होंने कहा कि डीएपी का एजेंडा स्थानीय लोगों को सशक्त बनाना है और हम राज्य का दर्जा बहाल करने, सुरक्षित नौकरियां और भूमि अधिकार हासिल करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…