जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत : मैनुअल वाउचर के बजाय अब ई-रुपी से मिलेगी अल्ट्रासाउंड की सुविधा…
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सीतापुर और हरदोई जिले में शुरू हो चुका है पायलट प्रोजेक्ट…
अब गाजियाबाद समेत 15 जिलों की बारी, शासन ने डिटेल मांगी…
गाजियाबाद,। जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है। अब तक जनपद में आबद्ध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर मैनुअल वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर ई-रुपी वाउचर का उपयोग कर सकने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटरों की सूची के साथ ही बैंक खाता और आईएफएससी कोड की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मिशन निदेशक ने ई-रुपी मेकर और चेकर का नाम, पता, मोबाइल नंबर, पैन नंबर और ई-मेल आईडी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हरदोई और सीतापुर में ई-रुपी वाउचर शुरू करने के बाद गाजियाबाद समेत 15 जिलों में इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सरकार का हर संभव प्रयास है कि लाभार्थी को दिए जाने वाले लाभ की बंदरवाट न हो। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तह?त प्रसव पूर्व जांच कराने का सरकार की ओर से प्रावधान किया गया है। अल्ट्रासाउंड की निशुल्क सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने ई-रुपी वाउचर का सहारा लेने का निर्णय लिया है। सूबे के सीतापुर और हरदोई जिले में पायलट प्रोजेक्ट के यह सुविधा शुरू की जा चुकी है। पायलट प्रोजेक्ट के बाद अब इस सुविधा को गाजियाबाद के अलावा बस्ती, बुलंदशहर, सोनभद्र, बागपत, कुशीनगर, अमरोहा, सिद्धार्थ नगर, मऊ, श्रावस्ती, प्रयागराज, बरेली, हापुड़, महाराजगंज और मुजफ्फरनगर में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
ई-रुपी वाउचर के जरिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अल्ट्रासाउंड सेंटर को अल्ट्रासाउंड करने के लिए 300 रुपए और अन्य केंद्रों को 255 रुपए का भुगतान किया जाएगा। ई-रुपी वाउचर ह्लमेकरह्व के रूप में सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) या ब्लॉक लेखा प्रबंधक जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि जिला स्तरीय चिकित्सालयों से ई-रुपी वाउचर जारी करने की जिम्मेदारी चिकित्सालय प्रबंधक या एकाउंटेंट की होगी। इसी प्रकार ह्लचेकरह्व की भूमिका में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) और जिला स्तरीय चिकित्सालयों में चिकित्सा अधीक्षक या उनके द्वारा नामिक व्यक्ति रहेगा।
क्या है ई-रुपी वाउचर : ई-रुपी वाउचर एक क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करते ही पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाते हैं। यह एक प्रीपेड वाउचर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लाभार्थी के मोबाइल पर यह कोड संबंधित पीएचसी या सीएचसी (जहां से डाक्टर ने महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी होगी) से दिया जाएगा। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सेंटर को भुगतान प्राप्त हो जाएगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…