खट्टर ने किया 1882 करोड़ रुपए की 167 परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास…

खट्टर ने किया 1882 करोड़ रुपए की 167 परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास…

चंडीगढ़, 06 जनवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत आठ वर्षों में क्षेत्रवाद, जातिवाद, भाई-भतीजावाद को छोड़कर सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में एक समान काम विकास की कवायद शुरू कर एक नई परिपाटी की शुरुआत की कड़ी में आज गुरुग्राम से 1882 करोड़ रुपए की 167 परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
श्री खट्टर ने ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के अपने विजन के तहत गुरुग्राम के धनवापुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिलों को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कहा कि वित्त मंत्री के रूप में सरकार ने अपने बजट का सही नियोजन किया है और इसका 34.5 प्रतिशत पूंजीगत खर्च के रूप में ढांचागत विकास पर किया है।
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए किसी भी प्रकार के बजट की कमी न आये, इसके लिए हमने एक नई पहल करते हुए मीडियम टर्म खर्च आरक्षित कोष बनाया है। इसी प्रकार एक और नई पहल करते हुए गांवों और शहरों में भी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए ग्राम दर्शन एवं नगर दर्शन पोर्टल शुरू किया है, जिन पर नागरिक अपने इलाके की आवश्यकताओं के अनुसार विकास कार्यों की मांग पोर्टल पर कर सकते हैं तथा चुने हुए नए जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में नागरिकों द्वारा दर्ज की गई विकास कार्यों की मांग को प्राथमिकता अनुसार सरकार तक पहुँचा सकते हैं।
उन्हाेंने कहा कि हाल ही में पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हुए और नये जनप्रतिनिधि छोटी सरकार के रूप में चुनकर आये हैं। अब सरपंच दो लाख रुपए तक के कार्य निविदाओं के आधार पर कर सकेंगे। कामों में पारदर्शिता रहे, इसके लिए सरकार ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल भी बनाया है, जिसके माध्यम से ऐसे सभी कार्यों की प्रशासनिक, वित्तीय और तकनीकी मंजूरी ऑनलाइन मिलती है। अब जनता भी इन कामों पर निगरानी रख सकती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पर काम कर रही है और इस वर्ष ग्रुप सी की 35 हजार और ग्रुप डी की 15 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार भी बड़े स्तर पर भर्तियां करने जा रही है जिसका लाभ हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1990 में वे कहा करते थे कि केंद्र सरकार से एक रुपया भेजा जाता है तो उसमें से केवल 15 पैसे ही जमीनी स्तर तक पहुँचते हैं, उसी को रोकने के लिए हमने ऑनलाइन सिस्टम से इस पर अंकुश लगाया है और काफी हद तक हम सफल भी हुए हैं। पिछली सरकारों में अलग-अलग इलाकों को महत्व दिया जाता था लेकिन मौजूदा सरकार ने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है और सभी 90 विधानसभाओं का एक समान विकास सुनिश्चित किया है।
उन्हाेंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि गरीब का हक पहले हो, इसलिए अंत्योदय की भावना से काम करते हुए आगे बढ़े हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए व्यवस्थाएं बदली हैं जिससे लोगों को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को लाभ पहुँचाने का काम किया है और इसके कारण जिन लोगों के व्यक्तिगत हित थे, उनको चोट लगी है, उनका धंधा बंद हुआ है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे हमारी सरकार को पोर्टल सरकार कहते हैं, लेकिन हमने पोर्टल के माध्यम से लोगों की पहुँच सरकार तक सुलभ कराई है। गरीब व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए चिरायु हरियाणा योजना के माध्यम से पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा दी जा रही है, जिस पर राज्य सरकार 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च वहन करेगी।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 12 लाख नये बीपीएल राशन कार्ड बने हैं और कुछ लोगों के नाम कटे भी हैं। 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के बाद इन 11 सालों में लोगों को सरकारी या प्राइवेट नौकरियां लगी हैं और उनके जीवन में आर्थिक तौर पर सुधार आया है। एक लाख से अधिक ऐसे व्यक्तियों का पता लगा है जो बीपीएल राशन कार्ड धारक थे और वे इनकम टैक्स रिटर्न भी भरते हैं, उनके राशन कार्ड कटे हैं। ऐसे लोगों को इस बात का गर्व होना चाहिए कि वे उनसे नीचे वाले परिवारों के लिए पीला राशन कार्ड छोड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पानी की कमी वाला प्रदेश बनता जा रहा है। कई ब्लॉक डार्क जोन में भी आ गए हैं। देश में 1100 बीसीएम पानी उपलब्ध है जबकि खपत 800 बीसीएम की है। हरियाणा की बात करें, तो हरियाणा में 32 एमएफ पानी की मांग है जबकि 16 एमएफ पानी उपलब्ध है। इसके कारण कृषि भूमि का बहुत बड़ा हिस्सा पानी की कमी के कारण सिंचाई से वंचित रह जाता है। उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत कृषि भूमि नहरी सिंचाई प्रणाली, 30 प्रतिशत पर ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई होती है, शेष 30 प्रतिशत भूमि वर्षा के पानी पर निर्भर है। इसके लिए सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के माध्यम से भी पानी का पुनः उपयोग सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश में 207 वॉटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट्स हैं जिनके बनने के बाद चार लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने उन किसानों का धन्यवाद किया जिन्होंने ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत धान के स्थान पर अन्य फसलों को चुना है और 1 लाख से अधिक एकड़ भूमि में धान की बुआई कम हुई। हरियाणा का जल प्रबंधन अच्छा है।
इससे पहले उन्होंने 1881 करोड़ रुपये की 167 जन कल्याणकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किए। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, विद्युत, सड़क नेटवर्क सुदृढ़ीकरण आदि से सम्बंधित 791 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 113 परियोजनाओं का उद्घाटन तथा 1090 करोड़ रुपये की लागत की 54 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें 12 प्रमुख परियोजनाओं में पृथला, पलवल एवं हथीन विधानसभा क्षेत्रों के 84 गांवों के लिए रेनीवेल आधारित पेयजल वृद्धि परियोजना, सतनाली खंड के 25 गांवों में नहरी जल पर आधारित पेयजल आपूर्ति के लिए नए जल संशोधन संयंत्र, दिल्ली हिसार रोड, शीला चौक पर ऊपरगामी पुल, रोहतक खरखौदा दिल्ली बॉर्डर रोड पर जेएलएन फीडर और बी एस बी नहर पर स्टील के पुल के कार्य का उद्घाटन तथा भिवानी-हांसी मार्ग का तोशाम र्बाइपास से जोड़ने वाले रेलवे ऊपरगामी पुल का उद्घाटन शामिल है।
इसके अलावा, राय-मलिकपुर (राजस्थान सीमा)-नांगल चौधरी-नारनौल महेन्द्रगढ़-दादरी चार-मार्गी सड़क के निर्माण, हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय हैबिटैट सेंटर, सेक्टर-1, पंचकूला, बड़खल झील के जीर्णोद्धार से सम्बन्धित निर्माण कार्य, झज्जर लिंक ड्रेन को बुर्जी संख्या 5150 से 16500 तक पक्का करने (आर.सी.सी. बाक्स बनाना) और सड़क निर्माण कार्य, राजकीय महाविद्यालय, इसराना, पानीपत के भवन, स्मार्ट सिटी, फरीदाबाद सेक्टर-25, जल घर बल्लभगढ़, फरीदाबाद में 15 एम एल डी एस टी पी के निर्माण कार्य, महाग्राम योजना के अन्तर्गत गांव मतलौडा में पेयजल बढ़ौतरी, सीवर लाइन बिछाने एवं मलजल संशोधन संयंत्र के कार्य, करनाल-काछवा-साम्भली-कौल सड़क पर समानांतर सतलुज यमुना लिंक नहर और नरवाना ब्रांच नहर के ऊपर पुल के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
श्री मनोहर लाल ने महेंद्रगढ़ जिले को करीब 421.42 करोड़ रुपये की लागत की तीन परियोजनाएं, पलवल को 187 करोड़ रुपये की नौ, गुरुग्राम को 168.36 करोड़ रुपये की 11, फरीदाबाद को 143 करोड़ रुपये की आठ, अम्बाला को करीब 15.57 करोड़ रुपये की लागत की चार, भिवानी को 31.45 करोड़ रुपये की चार, चरखी दादरी को दो करोड़ रुपये की दो, फतेहाबाद को 2.31 करोड़ रुपये की सात, हिसार को 5.65 करोड़ की दो, झज्जर को 371 करोड़ रुपये की लागत की 23, जींद को 22.76 करोड़ रुपये की चार, कैथल को 1.19 करोड़ रुपये की लागत की एक, करनाल को 74 करोड़ रुपये की 17, कुरुक्षेत्र को 1.50 करोड़ रुपये की लागत की चार, नूंह को 37.36 करोड़ रुपये की लागत की 12 और पंचकूला को 105.67 करोड़ रुपये की तीन, पानीपत को 76 करोड़ रुपये की 14, रेवाड़ी को 35.42 करोड़ रुपये की छह, रोहतक को 86.40 करोड़ रुपये की चार, सिरसा को 12.24 करोड़ रुपये की 12, सोनीपत को 22.56 करोड़ रुपये की पांच तथा यमुनानगर को 57.50 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं की सौगात दी।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…