नगालैंड मंत्रिमंडल अलग राज्य की मांग पर पुनर्विचार के लिए ईएनपीओ से करेगा अपील…
कोहिमा, 04 जनवरी। नगालैंड मंत्रिमंडल ने ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) से अलग राज्य की उनकी मांग पर पुनर्विचार करने और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार नहीं करने की अपील करने का फैसला किया है।
संसदीय कार्य मंत्री नीबा क्रोनू ने बताया कि मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। नीबा क्रोनू ने कहा, ‘‘ईएनपीओ के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने उनसे नगा लोगों के व्यापक हित में उनकी मांग पर पुनर्विचार करने की अपील करने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को नगालैंड का दौरा करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 जनवरी के बाद राज्य का दौरा करने की संभावना है जिसके बाद ही इस मांग पर फैसला किया जा सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल ने ईएनपीओ क्षेत्रों के लिए कोई पैकेज तय किया है, क्रोनू ने कहा कि केंद्र और ईएनपीओ के बीच हुई बातचीत से राज्य सरकार को अवगत कराना होगा और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है।
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस (यूडीए) के सह-अध्यक्ष कुझोलुजो नीनू ने कहा, ‘‘ईएनपीओ की मांग एक अहम मुद्दा है। फिर भी, यूडीए सरकार के लिए, नागा राजनीतिक मुद्दा अभी भी हमारी प्राथमिकता है और हमने केंद्र से इसके समाधान में तेजी लाने की अपील करने का फैसला किया है।’’
कुझोलुजो नीनू ने कहा कि मंत्रिमंडल ने एक स्वायत्त परिषद की सिफारिश की जिसे ईएनपीओ ने खारिज कर दिया है। नीनू ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में अपनी टीम के राज्य के दौरे के दौरान नगालैंड से अलग कर एक अलग राज्य बनाने से इनकार किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ईएनपीओ विकास और वित्तीय सहायता चाहता है और राज्य सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।’’
नीनू ने इस मांग को वास्तविक बताते हुए कहा कि यह नागाओं को और विभाजित करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
ईएनपीओ 2010 से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि पूर्वी नगालैंड के चार जिलों को वर्षों से उपेक्षित किया गया है।
ईएनपीओ का हिस्सा रहीं छह जनजातियों ने दिसंबर में हॉर्नबिल महोत्सव का बहिष्कार किया था और यह भी घोषणा की कि वे फरवरी-मार्च में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…