10वीं के बाद भी करियर के है कई विकल्प…
‘दसवीं क्लास की परीक्षा के बाद क्या करें, किस स्ट्रीम का चुनाव करें, क्या मुझे किसी प्रोफेशनल कोर्स का चयन करना चाहिए या फिर ट्रेडिशनल विकल्पों की तरफ ही अपने आप को केन्द्रित करना चाहिए आदि कुछ ऐसे सवाल हैं जो लगभग हर दसवीं पास या दसवीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों के दिमाग में उठते हैं और इससे वे बेवजह परेशान रहते हैं. वस्तुतः इन प्रश्नों के उत्तर का सीधा सीधा सम्बन्ध भविष्य में उनके अध्ययन तथा प्रोफेशन से होता है. इनका मुख्य फोकस इन्हीं दो बातों पर होता है. इस लिए इस दौरान ऐसे प्रश्नों के विषय में सोंचकर परेशान होना स्वाभाविक है.
यह जीवन का एक महत्वपूर्ण निर्णय क्यों है?
दसवीं के बाद कुछ भी करने का निर्णय छात्रोंन के सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करता है. इस समय वे एक ऐसी राह पर खड़े होते हैं जहाँ आपको एक निर्णय लेना है जो आपके जीवन को सुखी और समृद्ध बना सके. यदि आप करियर से जुड़े इस निर्णय को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तथा कहीं न कहीं आपके मन में किसी तरह का संदेह हो, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लेना काफी मुश्किल हो जाता है.साथ ही इस दौरान अगर आपने कोई गलत निर्णय ले लिया तो उसका परिणाम आपको जीवन भर भुगतना पड़ेगा.
आगे कुछ ऐसे सुझाव प्रस्तुत किये गए हैं जिसकी मदद से आप भविष्य में एक सही निर्णय ले सकते हैं.
सही डिसीजन (निर्णय) लेने की क्षमता का विकास – किसी भी काम की सफलता के पीछे मुख्यतः सही समय पर लिए गए सही निर्णय की ही अहम भूमिका होती है. इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने सीनियर्स, टीचर्स या माता-पिता तथा अभिभावकों की राय अवश्य लेनी चाहिए.इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि यह बात सही है कि इस निर्णय का प्रभाव दूरगामी होता है लेकिन यह आपके जीवन का आखिरी निर्णय नहीं होता है. वस्तुतः निर्णय लेने की क्षमता जैसी क्वालिटी की डिमांड जॉब मार्केट में बहुत ज्यादा होती है. आप चाहे किसी भी क्षेत्र में जाएं हर जगह आपके इस क्वालिटी की परख की जाती है और इसी पर आपका करियर कुछ हद तक डिपेंड करता है. इसलिए दसवीं के बाद आप सही निर्णय लेने की कोशिश करते हैं जिससे आपके तार्किक क्षमता का विकास होता है और इसी दौरान आप जीवन से जुड़े पहलुओं पर गौर करना सीखते हैं.
इससे आपको अपने अनुसार चयन करने की स्वतन्त्रता मिलती है – अभी तक आपसे जुड़े हर चीज का निर्णय आपके माता पिता या अभिभावकों द्वारा लिया जाता है लेकिन दसवीं के बाद आप अपने करियर से जुड़े ऑप्शंस को चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं. इसलिए दसवीं के बाद मुझे क्या करना है? इस महत्वपूर्ण निर्णय को अब आपको ही लेना होता है. हो सकता है कि बहुत सारे करियर विकल्पों की उपस्थिति में आप थोड़ा बहुत कन्फ्यूज हो जाएं लेकिन अत्यधिक सूक्ष्म परीक्षण और डिस्कशन के बाद आप सशक्तता पूर्वक अपने लिए फायदेमंद और तार्किक रूप से संगत करियर विकल्प का चयन अपने लिए कर सकते हैं.
आप को किन किन स्ट्रीम्स का चयन करना चाहिए?-
दसवीं के बाद सबसे कठिन निर्णय होता है स्ट्रीम का चुनाव करना. सही स्ट्रीम का चुनाव करना बहुत जरुरी है.कारण कि भविष्य के सभी निर्णय मुख्यतः आपके इसी निर्णय पर अवलंबित होते हैं.
किस विषय का चुनाव स्टूडेंट्स को करना चाहिए?- कभी कभी स्टूडेंट्स अपने जीवन हर्ड मेंटालिटी ( झुण्ड मानसिकता) के दबाव में आकर उस स्ट्रीम का चुनाव कर लेते हैं जो उनकी रुची तथा क्षमता के बिलकुल विपरीत होते हैं लेकिन चूँकि उनके मित्र या जानकार भी इसे ही चुने हैं, इसलिए वे भी ऐसा करते हैं.लेकिन यह एक गलत प्रैक्टिस है और इसके परिणाम आपके लिए भयावह हो सकते हैं. इसलिए हमेशा अपनी रुचि, योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही किसी स्ट्रीम का चयन करें ताकि आप बेहतर रीजल्ट पा सकें. इसलिए सही स्ट्रीम के चयन में आपकी मदद हेतु दसवीं के बाद उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण स्ट्रीम्स का वर्णन आगे कर रहे हैं —
साइंस
सामान्यतः सबका पसंदीदा विषय – विज्ञानं अधिकांश स्टूडेंट्स का पसंदीदा विषय होता है और लगभग हर माता पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा विज्ञान विषय से ही पढ़ाई करे. यह स्ट्रीम स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करती है और विभिन्न डोमेनों में शोध करने का अवसर भी प्रदान करती है. दसवीं के बाद विज्ञान विषय चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे लेने के बाद आगे चलकर वे आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते हैं. इसके विपरीत अगर आपने 12 वीं तथा ग्रेजुएशन आर्ट्स या कॉमर्स से की है तो आप भविष्य में साइंस नहीं ले सकते हैं जबकि साइंस स्ट्रीम वाले पुनः किसी भी स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं.
जहां तक कक्षा 11 वीं और 12 वीं का सवाल है, तो आपको कंप्यूटर विज्ञान, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ ऐच्छिक विषयों के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और गणित जैसे आधारभूत विषयों का चयन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स द्वारा चुने गए इंस्ट्रक्शन के भाषा के आधार पर उन्हें एक अनिवार्य भाषा का भी चुनाव करना होगा. साथ ही क्लास में थियरी की पढ़ाई के अतिरिक्त लेबोरेट्री में प्रैक्टिकल भी करना होगा.
यदि आप इंजीनियरिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आप पीसीएम या भौतिकी प्लस रसायन विज्ञान प्लस गणित को मूल विषयों के रूप में चुन सकते हैं, लेकिन आगर आप मेडिसिन में रुचि रखते हैं तो आप पीसीएमबी या भौतिकी प्लस रसायन विज्ञान प्लस गणित प्लस जीवविज्ञान ले सकते हैं.
कॉमर्स
बिजनेस के लिए सर्वश्रेष्ठ – साइंस के बाद स्टूडेंट्स द्वारा सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला स्ट्रीम है कॉमर्स. यदि स्टैटिक्स, फायनांस या इकोनॉमिक्स के फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपको इस स्ट्रीम का चुनाव करना होगा. अगर करियर की बात की जाय तो कॉमर्स स्ट्रीम से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट्स, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार जैसे कुछ सबसे अधिक आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है हालांकि, इसकेलिए कक्षा 12 के बाद इन संबंधित डोमेन में प्रोफेशनल कोर्सेज का चयन करना होगा.
कॉमर्स स्टूडेंट्स के रूप में आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडी और बिजनेस लॉ आदि मुख्य विषयों का अध्ययन करना होगा. इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्ट्रीम के एक हिस्से के रूप में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, इनकम टैक्स, मार्केटिंग और जेनरल बिजनेस इकोनोमिक्स में आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. साइंस के स्टूडेंट्स की तरह ही इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा का चयन करना होता है.
आर्ट्स/कला/मानविकी
अवसर गैलरी – आर्ट्स आज भी स्टूडेंट्स का बीच बहुत काम पसंद किया जाने वाला विषय है जबकि इस क्षेत्र में अवसरों की भरमार है. लेकिन आजकल इस विषय को लेकर लोगों की धारणा बदली है तथा अधिकतर स्टूडेंट्स आर्ट्स विषय लेना पसंद कर रहे हैं. यह कुछ रोचक ऑफ-बीट और रोमांचक कैरियर के अवसर प्रदान कर रही है. पहले आर्ट्स विषय को उन्हीं स्टूडेंट्स के लिए सही माना जाता था जो आगे चलकर शोध में दिलचस्पी रखते थें लेकिन अब यह धारणा बिलकुल बदल चुकी है. आजकल आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास अन्य स्ट्रीम की भांति ही आकर्षक और संतोषजनक करियर विकल्प मौजूद हैं. एक आर्ट्स का स्टूडेंट जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन और कई अन्य करियर विकल्पों का चयन कर सकता है.
जहां तक विषयों का संबंध है, तो आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास विभिन्न प्रकार के विषयों के चयन का विकल्प होता है जिनमें से समाजशास्त्र, इतिहास, साहित्य, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, दर्शन, अर्थशास्त्र इत्यादि विषय शामिल हैं. इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा विकल्प का चयन करना पड़ता है.
इसके अतरिक्त कुछ अन्य बातें -पिछले दशक में भारत के शिक्षा क्षेत्र में बहुत विविधता देखने को मिली है, इसकी वजह से दसवी के बाद कई सुनहरे करियर विकल्प मौजूद हैं. कई ऐसे कई शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यहां तक कि कुछ प्रोफेशनल कोर्सेज भी हैं जिन्हें आप अपनी दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद चुन सकते हैं. एक दसवीं के छात्र होने के नाते यह हो सकता है कि आपको भविष्य में मिलने वाले सभी अवसरों तथा उसके अंतर्गत आने वाली चुनौतियों का सही ज्ञान न हो, तो ऐसी परिस्थिति में किसी काउंसेलर की मदद लें.
निर्णय लेने के दौरान किन किन बातों पर गौर करना चाहिए?-
अब आपको प्रत्येक विषय तथा स्ट्रीम्स की जानकारी हो चुकी है तो अब आपके लिए कौन सा स्ट्रीम तथा विषय आपके लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है यह निर्णय लेने का समय होता है. लेकिन अभी भी यदि आप निर्णय लेने में अपने आप को समर्थ नहीं पा रहे हैं तो आप को घबड़ाने की जरुरत नहीं है. कभी भी जीवन से सम्बंधित ऐसे निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिए जाने चाहिए. इस प्रक्रिया को आपके लिए थोड़ा और सरल बनाने के उद्देश्य से यहाँ कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं जिनका पालन आपको करना चाहिए-
अपनी रुचियों और जुनून का आकलन करें
अक्सर हम देखते हैं कि बहुत सारे प्रोफेशनल्स अनचाहे मन से काम करते हैं तथा अपने काम में दैनिक रूप से पीसते हुए नजर आते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि आप ऐसा बिलकुल नहीं चाहेंगे. जीवन में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमेशा अपनी रुचियों और जुनूनों को ध्यान में रखना चाहिए.
और इस प्रक्रिया में आपका पहला कदम यह पहचाने का होना चाहिए कि कौन सा विषय या करियर विकल्प आपको उत्साहित करता है. आप जीवन भर उसके लिए कुछ कर सकते हैं और कभी भी इससे नाखुश और असंतुष्ट नहीं हो सकते, केवल तभी आप वास्तव में इसका आनंद उठा सकते हैं.इसलिए, चाहे आप कोई भी स्ट्रीम चुनते हों, सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप इसके अंतर्गत कवर किए गए विषयों में दिलचस्पी रखते हैं या नहीं.
अपनी शक्तियों और कमजोरियों का विश्लेषण करें
अपनी रुचियों का आकलन करने के बाद, आपके लिए दूसरा कदम अपने स्किल्स और क्षमताओं का आकलन करना है. यदि आप केवल अपनी रुचि के आधार पर एक एक स्ट्रीम चुनते हैं लेकिन इसमें शामिल विषयों को समझने का सही स्किल और क्षमता आपमें नहीं है, तो भविष्य में यह आपके लिए एक बड़ी समस्या पैदा करेगा. उदाहरण के लिए, आपकी रूचि प्राइमरी साइंस में हो सकती है लेकिन 12 वीं के स्तर पर पढ़ाए जाने वाले साइंस विषय अधिक विस्तृत और कठिन लग सकते हैं. मानलीजिये आपका मौलिक अंकगणित बहुत अच्छा है लेकिन हो सकता है कि 12 वीं के पीसीएम में पढ़ाया जाने वाला मैथ आपको बहुत कठिन लगे. तो आप उन विषयों में बेहतर रीजल्ट नहीं दे पाएंगे. इसलिए हमेशा अपने स्किल्स और क्षमताओं का पूर्ण विश्लेषण करना चाहिए, अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी स्ट्रीम का चयन करना चाहिए.
सही करियर विकल्प की पहचान करें
एक बार जब आप उन चीज़ों की पहचान करना शुरू करते हैं जिनके बारे में आप रुचि रखते हैं, तो बहुत सारे और विविध विकल्प आपके सामने होते हैं, जिनमें से सबका चयन करना सही निर्णय नहीं हो सकता है. उदाहरण के लिए मानलीजिये कि आपको पतंग उड़ाना बहुत पसंद है, लेकिन एक करियर विकल्प के रूप में इसका चयन करना शायद एक सही निर्णय नहीं हो सकता है.
इसलिए, आपको यह पहचानने की आवश्यकता है कि आपके कौन से इन्ट्रेस्ट क्षेत्र आपको अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं, जिसमें आप एक स्थायी करियर बना सकते हैं. इसके लिए आप प्रोफेशनल करियर काउंसेलर की मदद ले सकते हैं. वे आपको अपने कौशल का विश्लेषण करने में मदद कर सकते हैं और सही करियर विकल्प चुनने में आपकी सहायता कर सकते हैं.
दूसरों की मदद लें
ऊपर के पहले तीन चरणों के बाद भी, यदि आपको अभी भी लगता है कि आप स्ट्रीम के चयन को लेकर भ्रमित और अनिश्चित हैं, तो आपको कक्षा 10 के बाद अपने माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर से सलाह लेनी चाहिए. आजकल मार्केट में कई अन्य करियर विकल्प और अवसर मौजूद हैं जो कक्षा 10 के बाद आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं जिनका आप चयन कर सकते हैं. माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसेलर या सीनियर आपको हमेशा सही सलाह देंगे तथा सही स्ट्रीम के चयन में आपकी भरपूर मदद करेंगे.
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…