मोदी की मां हीरा बा पंचतत्व में विलीन हुईं…
गांधीनगर, 30 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा का पार्थिव शरीर मुक्तिधाम शमशान घाट में पंचतत्व में हुआ विलीन। श्री मोदी ने अपने भाई के साथ उन्हें मुखाग्नि दी।
प्रधानमंत्री की मां हीराबेन मोदी का पार्थिव शरीर गांधीनगर के श्मशान घाट लाया गया। जहां पूरे वैदिक विधि विधान एवं मंत्रोच्चारण के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रधानमंत्री और उनके भाईयों ने मां हीरा बा के पार्थिव शरीर के पंचतत्व में विलीन होने से पहले उनके शरीर में घी का लेप किया। हीरा बा का पूरे हिन्दू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया। श्री मोदी ने अपने भाई के साथ मां के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देने के समय प्रधानमंत्री बहुत भावुक हो गए। मुक्तिधाम शमशान घाट में हीरा बा की अंत्येष्टि के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राज्य सरकार के मंत्री, विधायकों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मां हीरा बा का अंतिम संस्कार करने के बाद शमशान घाट से राजभवन की ओर रवाना हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री को जैस ही मां के निधन की सूचना मिली वह अमहदाबाद के लिए रवाना हो गए। अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल वहां मौजूद थे। श्री मोदी हवाई अड्डे से सीधे गांधीनगर में अपने छोटे भाई पंकज मोदी के घर रायसन पहुंचे। प्रधानमंत्री ने मां हीराबेन के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पण कर नमन किया। इसके बाद श्री मोदी ने मां की अर्थी को कंधा दिया। जिसके बाद श्रीमती हीराबेन के पार्थिव शरीर को गांधीनगर के मुक्तिधाम शमशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं जब उनसे उनके 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’’
मां के बीमार होने की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दोपहर में दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचे थे और यहां अस्पताल में अपनी मां से मुलाकात की थी। वह एक घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में रुके थे। उन्होंने सिविल अस्पताल के परिसर में स्थित सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वायत्त चिकित्सा सुविधा में चिकित्सकों से मां के स्वास्थ्य को लेकर बात भी की थी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की मां हीराबेन का निधन शुक्रवार तड़के साढ़े तीन बजे अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में हो गया। श्रीमती हीराबेन की 100 वर्ष की थी। उन्हें बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…