सहमति बगैर मरीजों के आंकड़े बीमा व फार्मा कंपनियों के साथ साझा नहीं किए जाते : सरकार…

सहमति बगैर मरीजों के आंकड़े बीमा व फार्मा कंपनियों के साथ साझा नहीं किए जाते : सरकार…

नई दिल्ली,। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) मरीज की सहमति के बाद अपने नेटवर्क पर इच्छित हितधारकों के बीच सुरक्षित डेटा आदान-प्रदान की सुविधा देता है और किसी व्यक्ति की सहमति के बिना बीमा और फार्मा कंपनियों सहित किसी भी अन्य संस्था के साथ कोई आंकड़े साझा नहीं किए जाते हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन (एचडीएम) नीति के तहत मरीजों के स्वास्थ्य आंकड़े बीमा और दवा कंपनियों के साथ साझा किए जाते हैं।

मांडविया ने कहा कि एबीडीएम रोगी की सहमति के बाद नेटवर्क पर अभीष्ट हितधारकों के बीच आंकड़ों के सुरक्षित आदान-प्रदान को सुगम बनाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य डाटा प्रबंधन नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी आंकड़ा व्यक्ति विशेष की सहमति के बिना किसी अन्य निकाय जिसमें बीमा और फार्मा कंपनी शामिल हैं, के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

स्वास्थ्य डाटा प्रबंधन नीति स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 14 सितंबर, 2020 को जारी की गई थी और यह एक मार्गदर्शी दस्तावेज है जो निजता और डाटा संरक्षण के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करता है।

उन्होंने कहा कि एचडीएम नीति के तहत, स्वास्थ्य आंकड़ों के साझा करने के संबंध में कई शर्तें लगाई गई हैं ताकि ऐसे स्वास्थ्य आंकड़ों को साझा करने की प्रक्रिया के दौरान हर समय निजता और डाटा संरक्षण के सिद्धांतों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…