पैकेटबंद खाद्य पदार्थों के आगे के हिस्से में पोषक तत्वों की जानकारी छापने के प्रस्ताव का विरोध…
नई दिल्ली,। देशभर के व्यापार संघों और विक्रेताओं के शीर्ष निकाय- इंडियन सेलर्स कलेक्टिव (भारतीय विक्रेता समूह) पैकटबंद खाद्य पदार्थों के अगले भाग में पोषक तत्वों के बारे में जानकारी छापने (एफओपीएनएल) के भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) नियमनों के मसौदे का विरोध किया है। भारतीय विक्रेता समूह का कहना है कि यह सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) पैकेटबंद खाद्य उद्योग को बुरी तरह प्रभावित करेगा।
सितंबर में एफएसएसएआई ने पैकेटबंद खाद्य कंपनियों के लिए एफओपीएनएल के लिए नियमनों का मसौदा जारी किया था। यह उपभोक्ताओं को उत्पादों के पोषण मूल्य के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पांच सितारा रेटिंग की अवधारणा को पेश करने का प्रस्ताव करता है। नियामक ने नियमों पर सभी अंशधारकों से टिप्पणी मांगी है।
‘इंडियन सेलर्स कलेक्टिव’ ने एक बयान में कहा कि इन नियमनों से एमएसएमई पैकेटबंद खाद्य निर्माताओं और विक्रेताओं को भारी नुकसान होगा और भारतीय बाजार पर पश्चिमी कंपनियों के कब्जे का रास्ता खुल जायेगा। इसमें कहा गया है कि यदि प्रस्तावित नियम लागू होते हैं तो पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थों को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
इंडियन सेलर्स कलेक्टिव के सदस्य और राष्ट्रीय समन्वयक अभय राज मिश्रा ने कहा, ‘‘प्रस्तावित एफओपीएनएल दिशानिर्देश अपने मौजूदा स्वरूप में 85 प्रतिशत से अधिक भारतीय पारंपरिक भोजन और स्नैक्स को स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक के रूप वर्गीकृत करेंगे। प्रस्तावित स्टार रेटिंग विधि, पश्चिमी देशों में जारी किये गये स्वैच्छिक दिशानिर्देश की नकल है और यह भारतीय खाद्य पदार्थों के किसी वैज्ञानिक पोषण अध्ययन पर आधारित नहीं है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…