स्कीम के तहत लोन दिलाने के नाम पर देशभर में लोगों से करोड़ो की ठगी, 12 गिरफ्तार…

स्कीम के तहत लोन दिलाने के नाम पर देशभर में लोगों से करोड़ो की ठगी, 12 गिरफ्तार…

नई दिल्ली,। सरकारी स्कीम के तहत लोन दिलाने के नाम पर देशभर के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का द्वारका जिला पुलिस ने खुलासा किया है। गैंग दवाइयां बेचने और विज्ञापन बुक करने की आड़ में लोगों के साथ फर्जीवाड़ा कर रहा था। पुलिस ने इस संबंध में छह युवतियों समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 21 मोबाइल फोन, 29 रजिस्टर, दो नोटपैड के अलावा एक लैपटॉप बरामद किया है।

आरोपित देशभर के लोगों को कम ब्याज पर सरकारी स्कीम में लोन दिलाने की बात करते थे। जैसे ही पीड़ित इनसे संपर्क करते थे, आरोपित पीड़ितों से लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस व दूसरी फीस के नाम पर रुपये एंठ लेते थे। गैंग सरगना फैसल (32) और पारस मिलकर गोरखधंधा चला रहे थे। पुलिस ने फैसल को गिरफ्तार कर लिया जबकि पुलिस की छापेमारी के बाद से आरोपित पारस फरार है।

डीसीपी एम हर्ष वर्धन ने बुधवार को बताया कि उनकी टीम को पिछले दिनों सूचना मिली थी कि बाल उद्यान रोड, उत्तम नगर इलाके की एक बिल्डिंग में फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। यहां लोन दिलवाने की बात कर लोगों से ठगी की जा रही है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कॉल सेंटर सेक्टर-23, संजय नगर, गाजियाबाद निवासी फैसल व उसका पार्टनर पारस चला रहे हैं। सूचना के बाद पुलिस की एक टीम जांच के लिए कॉल सेंटर पहुंची। वहां छानबीन के दौरान आरोपित फैसल ने पुलिस को गुमराह करने का भरपूर प्रयास किया।

उसने अपने कॉल सेंटर के काउंटर पर भी दवाइयां रखी हुई थी। फैसल बार-बार ऑन लाइन दवाइयां बेचने और विज्ञापन बुक करने की बात करने लगा। लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपित टूट गया। उसने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने की बात स्वीकार कर ली। फैसल ने बताया कि वह इसी साल फरवरी माह से पारस के साथ मिलकर इस गोरखधंधे को कर रहा है। पारस ने कॉल सेंटर की जगह को लीज पर लिया हुआ है।

पारस और उसके साथ फर्जी पतों पर खोले गए अकाउंट में ठगी की रकम मंगवाते हैं। इसके अलावा फर्जी कागजातों के आधार पर निकाले गए सिमकार्ड को खरीदा जाता है। बाद में इनसे एक साथ बहुत से मैसेज भेज कर लोगों को सरकारी स्कीम में लोन दिलवाने की बात की जाती है। मैसेज के साथ एक नंबर भी भेजा जाता है। जैसे ही लोग उस नंबर पर संपर्क करते थे आरोपी कम ब्याज पर सरकारी स्कीम में लोन दिलवाने की बात करते थे।

बदले में पीड़ितों से प्रोसेसिंग फीस व दूसरे मदों में 1200 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक ले लिये जाते थे। इसके बाद आरोपित पीड़ितों के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर देते थे। पुलिस दूसरे मुख्य आरोपित पारस की तलाश कर रही है। फिलहाल कॉल सेंटर से पकड़े गए आरोपितों की पहचान फैसल (32), आमिर (26), रोहित वर्मा (27), विशाल (23), मोहित कुमार (32), संतोष (22), निधि (22), मेघा (22), अंशु (22), स्वेता (26), उषा (30) और अर्चना (34) के रूप में हुई है। पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…