अमेरिका में मध्यावधि चुनाव : रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच कांटे की टक्कर…
वाशिंगटन, 09 नवंबर। अमेरिका में कांग्रेस (संसद) के सदनों पर किसका नियंत्रण होगा इसका सभी को इंतजार है। मंगलवार को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के बीच जारी कांटे की टक्कर में दोनों पार्टियों को कुछ-कुछ सीटों पर जीत मिली है। इस मध्यावधि चुनाव में देश में बढ़ती महंगाई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अचानक गर्भपात का अधिकार समाप्त किया जाना बड़ा मुद्दा है।
डेमोक्रेटिक पार्टी को न्यू हैम्पशायर में सीनेट की महत्वपूर्ण सीट पर जीत मिली है। यहां से सीनेटर मैगी हसन ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक सेना के पूर्व जनरल रिपब्लिकन डॉन बोल्डक को हराया है। रिपब्लिकन के हिस्से में ओहायो और नॉर्थ कैरोलाइना की सीनेट की सीटें आयी हैं।
सदन पर नियंत्रण के लिए दोनों राजनीतिक दलों के बीच जिला-दर-जिला कांटे की टक्कर हो रही है। वर्जीनिया से कन्सास और रोड आईलैंड्स तक के उदारवादी उपनगरीय जिलों की सीटें डेमोक्रेट्स के हिस्से में आयी हैं।
वहीं, छह जनवरी को वाशिंगटन डीसी में हुई हिंसा की जांच करने वाली सदन की समिति में रह चुकीं पूर्व नौसैनिक इलैने लुरिया डेमोक्रेटिक पार्टी की पहली ऐसी निवर्तमान प्रतिनिधि हैं जिन्होंने कांटे की टक्कर में चुनाव गंवा दिया है।
न्यूयॉर्क और कैलीफोर्निया जैसे राज्यों में कई ऐसे जिले जिनके चुनाव परिणाम सदन पर नियंत्रण को तय कर सकते हैं, उनके परिणाम अभी तक नहीं आए हैं।
हाउस और सीनेट के इन चुनावों का अंतिम परिणाम तय करेगा कि भविष्य में राष्ट्रपति जो बाइडन का एजेंडा और रणनीति क्या होगी। साथ ही ये चुनाव देश में रिकॉर्ड महंगाई और देश की दिशा पर उनके प्रशासन के लिए जनमतसंग्रह भी हैं।
अगर, हाउस पर रिपब्लिकन का नियंत्रण हो जाता है तो वे बाइडन और उनके परिवार के खिलाफ कई जांच शुरू कर सकते हैं, वहीं सीनेट पर विरोधी दल का नियंत्रण होने की स्थिति में बाइडन के लिए न्यायपालिका में नियुक्तियां करने में दिक्कत आएगी।
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए इतिहास फिर खुद को दोहरा रहा है क्योंकि यह लगभग परंपरा सी है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति के पहले कार्यकाल में होने वाले मध्यावधि चुनाव में पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी आशा कर रही है कि गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जनता की नाराजगी के बाद मतदाता शायद उसका साथ देंगे।
वहीं, रिपब्लिक पार्टी की ओर से अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डिसैंटिज और टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबट ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वियों को हरा दिया है और फिर से चुने गये हैं।
जॉर्जिया में डेमोक्रेटिक सीनेटर राफेल वारनॉक और रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी हर्शेल वाकर की नजरें उस सीट पर गड़ी हुई हैं जो उनकी पार्टियों को सीनेट पर नियंत्रण दिलाने में मददगार साबित होगी।
इन चुनावों में रिपब्लिकन ने अर्थव्यवस्था, गैस की कीमतों और अपराध पर ध्यान दिया है और बढ़ती महंगाई तथा हिंसा की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाया है।
चुनावी सर्वेक्षण ‘एपी वोटकास्ट’ के अनुसार, महंगाई और लोकतंत्र के कमजोर होने संबंधी चिंताओं, दोनों ने मतदाताओं को बहुत प्रभावित किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 50 फीसदी मतदाताओं का कहना है कि किराना का सामान, ईंधन, मकान/किराया, खाद्यान्न और अन्य चीजों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई बहुत बड़ा मुद्दा है, वहीं, करीब 44 फीसदी का कहना है कि लोकतंत्र का भविष्य उनके लिए प्राथमिक मुद्दा है।
सर्वे के अनुसार, 10 में से 7 मतदाताओं का कहना है कि गर्भपात के अधिकार को खत्म करते हुए 1973 के फैसले को पलटा जाना इस मध्यावधि चुनाव में उनके लिए बड़ा मुद्दा है।
एपी के सर्वेक्षण के अनुसार, गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने का फैसला काफी अलोकप्रिय है। 10 में से 6 लोग इस फैसले से नाराज या असंतुष्ट हैं, वहीं 10 में से 4 लोग इससे प्रसन्न हैं। 10 में से करीब 6 लोगों का कहना है कि वे देश भर में कानूनी गर्भपात को मंजूरी देने वाले कानून के पक्ष में हैं। ओहायो में मर्सी कापतुर ने रिपब्लिकन जे.आर. मजेव्स्की को हरा दिया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…