कारण बताओ नोटिस देने वाले जीएसटी अधिकारियों को ही पूरी करने होगी कार्रवाई…
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नई दिल्ली,। जीएसटी परिषद ने कहा है कि कारण बताओ नोटिस जारी करने वाले कर अधिकारियों को उस फर्म के खिलाफ सभी प्रवर्तन और परिणामी कार्रवाई पूरी करनी होगी, जिसके खिलाफ जीएसटी चोरी का पता चला था।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत राज्य ऐसी फर्मों पर 90 फीसदी शासन-नियंत्रण रखते हैं जिनका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये तक होता है। वहीं इससे अधिक कारोबार वाले संस्थान केंद्र और राज्य कर अधिकारियों के दायरे में 50:50 के अनुपात में आते हैं।
प्रवर्तन के मामलों में अधिकार के मुद्दों का समाधान करने के लिए जीएसटी परिषद ने यह स्पष्ट किया है कि अपील, आकलन आदि पूरा करने की जिम्मेदारी प्रवर्तन कार्रवाई शुरू करने वाले कर अधिकारियों (चाहे वे केंद्र के हों या राज्य के) की ही होगी।
जीएसटी परिषद सचिवालय ने एक ज्ञापन में कहा कि ऐसे मामलों में जिनमें जांच को शुरू करने और पूरा करने का काम केंद्रीय कर अधिकारी करते हैं उनमें बार-बार कारण बताओ नोटिस भेजने तथा अन्य कार्रवाई करने का काम ‘फील्ड फॉर्मेशन’ करते हैं। इसमें कहा गया, ‘‘कुछ मामलों में, जांच शुरू करने वाले प्राधिकार ही कारण बताओ नोटिस जारी करते हं जबकि कुछ अन्य मामलों में यह काम संबंधित कर अधिकारी करते हैं।’
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…