अदालत ने शिवसेना धड़े को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने के खिलाफ समता पार्टी की याचिका खारिज की…

अदालत ने शिवसेना धड़े को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने के खिलाफ समता पार्टी की याचिका खारिज की…

नई दिल्ली,। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ समता पार्टी की एक याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता पार्टी की मान्यता 2004 में रद्द कर दी गई थी और उसने कोई अधिकार नहीं दिखाया है। समता पार्टी ने दावा किया था कि ‘मशाल’ उसका चुनाव चिह्न है और पार्टी इस चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ चुकी है।

अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता ने चुनाव चिह्न पर किसी अधिकार का प्रदर्शन नहीं किया है। अदालत इस याचिका पर विचार करने के पक्ष में नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।’’

याचिकाकर्ता ने निर्वाचन आयोग के 10 अक्टूबर के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि ‘मशाल’ एक आरक्षित चुनाव चिह्न है और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को आवंटित किए जाने के पहले इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की जानी चाहिए थी कि इसे ‘मुक्त’ कर दिया गया है।

याचिकाकर्ता के वकील कमलेश कुमार मिश्रा ने अदालत को सूचित किया कि पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव मशाल चुनाव चिह्न पर ही लड़ा था।

निर्वाचन आयोग की ओर से वकील सिद्धांत कुमार ने आवंटन का बचाव किया और कहा कि कानून के तहत, आवंटन आदेश पारित करने से पहले कोई अधिसूचना जारी करने की जरूरत नहीं है, जैसा याचिकाकर्ता ने दावा किया है।

उन्होंने याचिकाकर्ता पार्टी की मान्यता 2004 में ही रद्द कर दी गई थी और अभी उसका इस चुनाव चिह्न पर कोई अधिकार नहीं है।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…