आदमखोर बाघ को मारने का आदेश जारी, सात लोगों को बना चुका शिकार
26 दिन से 400 वनकर्मी कर रहे तलाश, नहीं लगा सके पता
कुशीनगर, 08 अक्टूबर। कुशीनगर जिले के यूपी-बिहार सीमा पर स्थित बिहार सरकार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) का बाघ पांच माह में सात लोगों को अपना शिकार बना चुका है। इस बाघ को मानव जीवन के लिए खतरा घोषित करते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने मारने का आदेश जारी किया है। बीते 26 दिनों से 400 वनकर्मियों के साथ विभाग की एक्सपर्ट टीम आदमखोर बाघ को तलाश कर रहे हैं, लेकिन वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। शनिवार को टीम गोबर्धना रेंज में बाध की तलाश कर रही है। इसी रेंज में उसके विचरण करने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ है। पड़ोसी प्रांत बिहार के हरनाटांड के बैरिया कला गांव की प्रेमा देवी को बाघ ने 12 सितंबर को अपना शिकार बनाया था, तभी से वन विभाग की टीम उसकी ट्रैकिंग में जुटी हुई है। दो दिन बाद पड़ोसी गांव बरवा कला में एक किसान को बाघ ने मारा तो ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उसे देखते हुए अधिकारियों ने बाघ को पकड़ने की कवायद शुरू कर दी। यह क्षेत्र वन प्रमंडल दो के अधीन है। रेंज के 400 वनकर्मियों की टीम की सक्रियता के बावजूद बाघ वन प्रमंडल एक के गोबर्धना क्षेत्र में पहुंच गया और चार दिन में दो लोगों को मार डाला। हालांकि, उसे पकड़ने के लिए विभाग चार हाथियों, 60 फारेस्ट गार्ड, पांच वैन, चार बड़े जाल, दो ट्रैकुलाइजर गन, दो ट्रैक्टर, 40 सीसीटीवी कैमरा, एक ड्रोन समेत तीन थानों की पुलिस व विशेषज्ञ टीम की मदद ले रहा है। बाघ के नरभक्षी होने से वीटीआर के समीपवर्ती 50 गांवों के लोग दहशत में हैं। वीटीआर के निदेशक डा. नेशामणि ने बताया कि बाघ को मारने की अनुमति मिल गई है। ड्रोन कैमरों के माध्यम से बाघ की लोकेशन ली जा रही है।