खमेर रूज न्यायाधिकरण ने दोषसिद्धी को लेकर दायर अपील की खारिज…
नोम पेन्ह, 22 सितंबर। कंबोडिया के संयुक्त राष्ट्र समर्थित खमेर रूज न्यायाधिकरण ने कम्युनिस्ट समूह के एक नेता द्वारा नरसंहार मामले में दोषसिद्धी को लेकर दायर अपील बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। ऐसा माना जा रहा है कि न्यायाधिकरण की यह अंतिम सुनवाई होगी और इसके बाद यह यहां काम करना बंद कर देगा।
ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने खिउ सम्फन की अपील पर अपना फैसला सुनाया। खिउ सम्फन 1975-79 में खमेर रूज सरकार में प्रमुख पद पर काबिज थे। उन्हें 1979 में पड़ोसी कम्युनिस्ट देश वियतनाम के आक्रमण के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था।
सम्फन को 2018 में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
न्यायाधिकरण को उन्हें और दो अन्य प्रतिवादियों को आतंकवाद फैलाने के संबंध में दोषी ठहराने के लिए 16 साल का समय लगा और इस पर करीब 33.7 करोड़ डॉलर खर्च हुए। आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में करीब 17 लाख लोगों की मौत हुई थी।
खिउ सम्फन ने अदालत में पिछले साल दर्ज कराए अपने अंतिम बयान में कहा था, ‘‘आप कोई भी फैसला करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं जेल में अंतिम सांस लूंगा।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं अपने कंबोडियाई लोगों की पीड़ा याद करते हुए मरूंगा। मैं यह देखते हुए मरूंगा कि मैं यहां अकेला हूं। मुझे एक व्यक्ति के रूप में मेरे वास्तविक कार्यों की बजाय प्रतीकात्मक रूप से आंका गया।’’
अपनी अपील में, उन्होंने आरोप लगाया था कि अदालत ने कानूनी प्रक्रियाओं और उसकी व्याख्या का सही तरीके से पालन नहीं किया।
अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी अपील में सीधे तौर पर मामले के तथ्यों पर सवाल नहीं उठाया गया है। उसने खिउ सम्फन द्वारा उठाए गए तर्कों पर एक-एक करके गौर किया और लगभग सभी को खारिज कर दिया।
खिउ सम्फन 91 वर्ष के हैं। वह मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में 2014 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
सम्फन के करीबी एवं खमेर रूज के दूसरे नंबर के नेता नुओन ची को भी दो बार दोषी ठहराया गया था और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 2019 में ची का 93 साल की उम्र में निधन हो गया था।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…