आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी…
शिमला,। आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए चार प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा की धूमल सरकार में राजस्व मंत्री व पूर्व सांसद रहे डॉ. राजन सुशांत फतेहपुर, हिमाचल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे मनीष ठाकुर पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, पूर्व में 2017 के विस चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग करने वाले उमाकांत डोगरा नगरोटा बगवां और जिला परिषद सदस्य रहे सुदर्शन जस्पा को लाहौल-स्पीति से आप ने प्रत्याशी बनाया है। हिमाचल में प्रत्याशी घोषित करने वाली आप पहली पार्टी बन गई है। चार बार भाजपा से विधायक रहे डॉ. सुशांत वर्ष 1982 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। 2009 में कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। भाजपा छोड़कर अक्तूबर, 2020 में उन्होंने हमारी पार्टी, हिमाचल क्षेत्रीय पार्टी बनाई।
सुशांत जेपी आंदोलन का हिस्सा भी रहे और आठ महीने जेल में रहे। हाल ही में इन्होंने आप का दामन थामा है। वहीं, मनीष ठाकुर हिमाचल प्रदेश युकां अध्यक्ष और युकां के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं। वह मार्च 2022 में आप में शामिल हुए थे। अभी वह आप के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। सुदर्शन जस्पा भी हाल ही में आप में शामिल हुए हैं। वह वर्तमान में आप के लाहौल-स्पीति जिला प्रभारी हैं। उन्होंने 2017 में बतौर आजाद उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ा था। वर्तमान में वह लाहौल पोटेटो सोसायटी (एलपीएस) के अध्यक्ष हैं। उमाकांत डोगरा 2012 में भाजपा के साथ थे। 2017 में भाजपा से टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन टिकट अरुण को दिया गया। वर्ष 2018 में उन्होंने आप का दामन थामा था। अभी वह आप ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
विवादों से जुड़ा रहा है डॉ. राजन सुशांत का नाता
आम आदमी पार्टी की ओर से फतेहपुर से घोषित उम्मीदवार डॉ. राजन सुशांत इससे पहले चार बार विधायक, एक बार मंत्री व एक बार सांसद रह चुके हैं। 1955 में जन्मे सुशांत पहली बार महज 27 साल की उम्र में 1982 से 1985 तक भाजपा की टिकट पर विधायक बने। इसके बाद 1985-1990, 1998-2003 व 2007-2009 तक भाजपा के विधायक रहे। 1998-2003 में भाजपा की धूमल सरकार के कार्यकाल में वह राजस्व मंत्री रहे। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ आए दिन विवादों के कारण भी सुशांत सुर्खियों में रहे थे। 2009 में भाजपा की टिकट पर कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने थे। सांसद बनने के बाद उन्हें विधानसभा से बतौर विधायक इस्तीफा देना पड़ा। तब से राजन सुशांत राजनीतिक तौर पर हाशिये पर रहे। 2014 में वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव लड़ा, मगर हार गए। 2020 में पौंग बांध विस्थापितों को साथ लेकर हमारी पार्टी, हिमाचल पार्टी बनाई। 2021 में फतेहपुर उपचुनाव आजाद लड़ा और त्रिकोणीय मुकाबले में हारकर भी अपनी राजनीतिक पकड़ दिखा गए।
मनीष ठाकुर
इसी तरह पांवटा से प्रत्याशी घोषित मनीष ठाकुर हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह युकां के राष्ट्रीय महासचिव पद पर भी रहे। वह मार्च 2022 में 23 अन्य युवा कांग्रेस नेताओं के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। मनीष ठाकुर आप में उपाध्यक्ष पद पर तैनात हैं।
सुदर्शन जस्पा
देश की दूसरी सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव सोसायटी लाहौल आलू उत्पादक संघ के चेयरमैन सुदर्शन जस्पा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की डिग्री हासिल की है। वह 1996 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। साल 2001 में कुल्लू महाविद्यालय में केंद्रीय छात्र संघ का चुनाव लड़ चुके हैं। लाहौल स्पीति छात्र संगठन के धर्मशाला कॉलेज और एचपीयू शिमला में अध्यक्ष बने। वर्ष 2008 में एचपीयू शिमला में जनजातीय छात्र संगठन के अध्यक्ष बने। 2016 में जिला परिषद का चुनाव जीता। साल 2019 में लाहौल आलू उत्पादक संघ के चेयरमैन बने और इसी बीच ट्राइफेड के निदेशक मनोनीत हुए। सुदर्शन जस्पा साल 2017 में भी बतौर आजाद उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
उमाकांत डोगरा
नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में लगभग 50 वर्षों बाद किसी राजनीतिक पार्टी ने चंगर क्षेत्र के किसी कार्यकर्ता को पार्टी का टिकट दिया है। उमाकांत डोगरा ग्रेजुएट हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हैं। 43 वर्षीय उमाकांत डोगरा ने एमए/बीएड तक शिक्षा ग्रहण की है और पूर्व में बड़ोह तहसील की सरोत्री पंचायत के प्रधान रहे हैं। मौजूदा समय में एक छोटा व्यवसाय और लोकमित्र केंद्र का संचालन करते हैं। डोगरा को राजनीति अपने पिता से विरासत में मिली थी, जोकि किसी समय कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ताओं में शुमार थे। उमाकांत डोगरा पिछले दो चुनावों में मौजूदा विधायक अरुण कुमार कूका से जुड़े रहे, लेकिन पिछले चुनाव के बाद कूका से कुछ मतभेदों के चलते उन्होंने अपना रास्ता अलग करते हुए समाज सेवा की तरफ कदम बढ़ा लिए थे।
कांग्रेस भी इसी महीने घोषित कर सकती है पहली सूची
प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 21 सितंबर को नई दिल्ली में प्रस्तावित है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपादास मुंशी की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी आवेदकों के पैनल पर विचार करेगी। इस बैठक में राज्य चुनाव कमेटी की ओर से 35 से 38 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भेजे गए सिर्फ एक-एक दावेदार के नाम पर मुहर लगाते हुए केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेजा जाएगा। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक 25 सितंबर के बाद ऑनलाइन हो सकती है। इसके बाद प्रत्याशियों की पहली सूची इसी माह के अंत तक जारी करने के लिए मामला संसदीय बोर्ड के पास जाएगा।
भाजपा और कांग्रेस में मचा है टिकटों के लिए घमासान : आप
हिमाचल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है। आप के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन अभी तक प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाई है। भाजपा और कांग्रेस पार्टी में टिकटों को लेकर घमासान मचा है। नेताओं में आपसी लड़ाई खुलकर सामने आ रही है। हिमाचल की जनता इन दोनों पार्टियों से दुखी है। ऐसे में सत्ता की चाबी तीसरे विकल्प के हाथों में देना चाहती है।
पार्टी हिमाचल के 68 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने जा रही है। अभी पार्टी की ओर से पहली लिस्ट जारी हुई है। हिमाचल में पार्टी को जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। हिमाचल का हर वर्ग भाजपा सरकार से दुखी है। कर्मचारी वर्ग निराश है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने का वादा किया था, लेकिन यह बात आगे नहीं बढ़ पाई है। हिमाचल में बागवानों को ठगा जा रहा है। सड़कों की हालत खस्ता है। कांग्रेस पार्टी ने भी सत्ता में रहकर जनता के लिए कुछ नहीं किया है। आप आदमी पार्टी ने हिमाचल की जनता के लिए 10 गारंटियां दी हैं।