फर्जी डिग्री बनाने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश, विज्ञापन के लिए रोजाना खर्च करते थे मोटी रकम…
नोएडा,। थाना सेक्टर-63 पुलिस द्वारा फर्जी डिग्री बनाने और प्रदान करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग के गिरफ्तारी की खबर सुर्खियों में बनी हुई है। पुलिस ने इस गैंग में शामिल दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान दो आरोपीयों के कब्जे से 85 फर्जी मार्कशीट, 58 लिफाफे, 38 खाली लैटर पैड, 7 खाली अंक तालिका सीट, 8 मुहर, 14 डेस्कटॉप, 14 सीपीयू, 11 माउस, 12 कीबोर्ड, 42 डेस्कटॉप वायर, 1 पेपर कटर, 1 हेडफोन, 1 कलर प्रिन्टर, 1 राउटर, 1 वाइफाइ कनेक्टर, 2 इन्टरनेट स्विच बॉक्स, 33 कीपैड नोकिया मोबाइल और भिन्न-भिन्न कंपनी के 55 सिम बरामद किए गए हैं।
आज 18 सितंबर को थाना सेक्टर-63 पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने और प्रदान करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग को गिरफ्तार किया। इस गैंग में शामिल दो लोग आनन्द शेखर और चिराग शर्मा की गिरफ्तारी हुई है। इस गैंग में शामिल पहला आरोपी अखिलेश्वर मिश्रा का पुत्र आनन्द शेखर फ्लैट नंबर–5083, टावर न0-06, अजनारा क्रासिंग रिपव्लिक, थाना विजयनगर, जिला गाजियावाद, मुल पता- वी-16, मौर्या नगर, निकट अनीशावाद, थाना अनीशावाद, जिला पटना, बिहार का निवासी है। वहीं दूसरा आरोपी राजेश कुमार का पुत्र चिराग शर्मा भूरा की चक्की, कैलाशपुरी, थाना कोतवाली नगर जिला बुलन्दशहर, वर्तमान पता पंकज चौहान का मकान, गली न0-5, ममूराz थाना फेस-3, नोएडा का निवासी है।
पुलिस ने बताया की उन्होंने दोनों आरोपियों को सेक्टर-63 के बी-44, गौतमबुद्ध नगर से गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा मिली जानकारी एक अनुसार आरोपीयों ने बी-44 सेक्टर-63 का द्वितीय तल किराये पर लिया था और उसी मकान में फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने का कार्य करते थे। इनका काम भोले-भाले लोगों को कम पैसों में विभिन्न कोर्स की डिग्री, डिप्लोमा की डिग्री, और अंकतालिका इत्यादि उपलब्ध कराते थे। आरोपीयों ने लोगों ने बेंगलुरू में भी यही कार्य किया था। इनके विरुद्ध बेंगलुरू में भी मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी वजह से आरोपी वहां से भागकर नोएडा आ गए।
आरोपीयों के बारे में एक न्यूज़ वेवसाइट पर भी लिखा हुआ था। यह आरोपी इंटरनेट के माध्यम से 5,000 प्रतिदिन के हिसाब से एड करते थे। जो भी इनके एड पर क्लिक करता था। उसका नम्बर इनके पास आ जाता था और उनके पास यह कॉल करके अपने विभिन्न कोर्सों के बारे में जानकारी देते थे। जो भोला-भाला व्यक्ति इनके झांसे में आ जाता था, ये उनसे 30-70 हजार के मध्य पैसा नगद लेकर फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां उपलब्ध करा देते थे। यह लोग लगभग 20 साल तक पुरानी अंकतालिका या डिग्री देने का भी ठेका ले लेते थे और अवैध रुप से लाभ लेकर डिग्री उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने दोनों आरोपी को अपने गिरफ्त में ले लिया है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…