महाराजा चार्ल्स ने धार्मिक विविधता का सरंक्षण करने के लिए ‘अतिरिक्त कर्तव्य’ का संकल्प लिया…
लंदन, 17 सितंबर। ब्रिटेन के नए महाराजा चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटेन के नए शासक के तौर पर देश की धार्मिक विविधता और राष्ट्रमंडल के विभिन्न समुदाय की संप्रभुता की रक्षा करने के ‘अतिरिक्त कर्तव्य’ का संकल्प लिया।
चार्ल्स ने बकिंघम पैलेस के बाउ रूम में शुक्रवार शाम को विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के नेताओं के समूह को संबोधित करते हुए कहा कि उनका हमेशा से विचार रहा है कि ब्रिटेन ‘‘विभिन्न समुदायों का समुदाय’’ है। दिवंगत महारानी एलिबेथ द्वितीय के ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल तक अंतिम यात्रा से पहले इसी कक्ष में रखा गया था।
आंग्ल ईसाई संप्रदाय के प्रति प्रतिबद्ध चार्ल्स ने कहा कि वह सभी आस्थाओं की रक्षा करने और अपनी ‘‘प्यारी मां’’ द्वारा तैयार किए गए आधार को मजबूत करने में विश्वास करते हैं।
विभिन्न धर्मों-संप्रदायों के करीब 30 नेताओं को संबोधित करते हुए नए महाराजा ने कहा, ‘‘ ब्रिटेन को लेकर मेरा हमेशा से विचार रहा है कि यह समुदायों का समुदाय हो।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मेरा मानना है कि एक ऐसा अतिरिक्त कर्तव्य है जिसे औपचारिक रूप से अपेक्षाकृत कम मान्यता दी गई है लेकिन इसे किसी भी तरह से कमतर नहीं समझा जा सकता है। यह कर्तव्य हमारे देश की विविधता की रक्षा करना है, जिसमें विभिन्न आस्थाओं और धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं एवं विश्वास के जरिये उनके अनुपालन की रक्षा करना शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विविधता केवल हमारे देश के कानूनों में समाहित नहीं है बल्कि यह मेरी आस्था से भी जुड़ी है।’’
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…