सिम्भावली शुगर मिल पर गन्ना किसानों का 238.09 करोड़ रू.,यूपी में गन्ना किसानों का हो भुगतान, सांसद ने लोकसभा में की मांग…
हापुड़, 16 सितंबर। गढ़ अमरोहा सांसद कुँवर दानिश अली ने कहा कि आज किसान जगह-जगह धरना प्रदर्शन और अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहा है लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र और प्रदेश दोनों जगह है लेकिन किसानों की समस्या पर कोइ ध्यान नहीं दे रही है। चीनी मिलें किसानों के गन्ने का पैसा दबाए बैठीं हैं। किसान आर्थिक रूप से परेशान हैं। न्यायालय के आदेश व सरकार के वादे के बावजूद चीनी मिलें 14 दिनों के भीतर गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रहीं हैं। इस से साफ़ पता चलता है कि मोदी और योगी की सरकार में किसानों के पास आत्महत्या के आलावा कोई चारा नहीं है। ये जुम्लाजीवी सरकार सिर्फ अपने कॉर्पोरेट दोस्तों को फायदा पहुँचा रही है इन्हें किसानों से कोई मतलब नहीं है।
सांसद, अमरोहा कुँवर दानिश अली ने संसद में शून्यकाल काल के दौरान दिनांक 5 अगस्त 2022 को “गन्ना किसानों के बक़ाया गन्ना मूल्य का विवरण उपलब्ध कराने एवं बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान कराये जाने का मुद्दा उठाया था। जिस के उत्तर में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजानिक वितरण एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 01.09.2022 की अद्यतन सूचना के अनुसार पेराई सत्र 2021-22 के अन्तर्गत प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा कुल देय गन्ना मूल्य रू. 35.201.22 करोड़ के सापेक्ष रू. 30,368.73 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, जो कुल देय का 86.27 प्रतिशत है। वर्तमान में उक्त सत्र का रू. 4,832.49 करोड़ भुगतान हेतु शेष है।
माननीय सदस्य द्वारा संसदीय क्षेत्र अमरोहा के अन्तर्गत चीनी मिल सिम्भावली पर बकाया गन्ना मूल्य का मामला भी उठाया गया है। इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि सिम्भावली शुगर्स लि. सिम्भावली, जिला-हापुड़ द्वारा पेराई सत्र 2021-22 के अन्तर्गत कुल देय गन्ना मूल्य रू. 501.69 करोड़ के सापेक्ष रू. 263.60 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में चीनी मिल सिम्भावली पर रू. 238.09 करोड़ भुगतान हेतु बकाया है। अवशेष गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान हेतु प्रदेश की बकायेदार चीनी मिलों, जिनमें चीनी मिल सिम्भावली भी सम्मिलित है, को चीनी मिलवार नोटिसें निर्गत किये गये। साथ ही सक्षम स्तर से समय-समय पर समीक्षा बैठकों के माध्यम से भी चीनी मिलों को अवशेष गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान हेतु निदेशित किया गया है।
उ.प्र. गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा-17 (3) में ब्याज के सम्बन्ध में व्यवस्था प्राविधानित है। इस क्रम में गन्ना मूल्य विलम्बित करने वाली चीनी मिलों को गन्ना समितियों की ओर से समय-समय पर ब्याज के बिल प्रेषित किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त आवश्यक होने पर गन्ना मूल्य का भुगतान अत्यन्त विलम्बित करने वाली चीनी मिलों के विरुद्ध विलम्बित अवधि के ब्याज सहित देयता निर्धारित करते हुए वसूली प्रमाण पत्र भी निर्गत किये जाते हैं। इसी कम में बजाज हिन्दुस्तान शुगर लि. इकाई-गोला गोकरननाथ, जिला-लखीमपुर खीरी के विरूद्ध पेराई सत्र 2021-22 के अन्तर्गत बकाये गन्ना मूल्य की ब्याज सहित वसूली हेतु वसूली प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है। राज्य सरकार अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु सजग एवं कटिबद्ध है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…