अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी के कोई आसार नहीं, फेडरल रिजर्व उठा सकता है सख्त कदम…
वाशिंगटन, 14 सितंबर। अमेरिका में मुद्रास्फीति कम होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे और इससे निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ‘फेडरल रिजर्व’ के आक्रामक कदम उठाने के अनुमान हैं। ऐसे में वित्तीय बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है और मंदी की आशंका बढ़ गई है।
लंबे समय से मुद्रास्फीति का कारण रहे कुछ कारक मसलन गैस दाम, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आदि में नरमी आई है लेकिन कुछ अन्य कारण मुद्रास्फीति की स्थिति को और भी चिंताजनक बना रहे हैं।
अब दाम नहीं बढ़ रहे क्योंकि वे पहले ही आसमान छू चुके हैं। बल्कि मुद्रास्फीति अब अर्थव्यवस्था में और व्यापक पैठ बना चुकी है और इसके पीछे वजह है मजबूत रोजगार बाजार। वेतन बढ़ने से कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं ताकि उच्च श्रम लागत की पूर्ति की जा सके, वहीं इससे उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है।
मंगलवार को सरकार ने कहा कि मुद्रास्फीति जुलाई से अगस्त के बीच 0.1 फीसदी और सालाना आधार पर 8.3 फीसदी बढ़ गई। हालांकि यह जून के चार दशक के उच्चतम स्तर 9.1 फीसदी से कम है। खाद्य और ऊर्जा जैसी अस्थिर श्रेणियों को छोड़ दें तो बुनियादी दाम भी अनुमान से कहीं अधिक तेजी से बढ़े हैं और ये जुलाई से अगस्त के बीच 0.6 फीसदी बढ़ गए।
केंद्रीय बैंक बुनियादी दामों पर विशेष ध्यान देता है और हालिया आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि फेडरल रिजर्व और आक्रामक कदम उठा सकता है। बुनियादी आंकड़ों की मजबूती को देखते हुए ये चिंताएं पैदा हो गई हैं कि मुद्रास्फीति अब अर्थव्यवस्था के सभी कोनों तक पहुंच चुकी है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…