बच्चा चोरी की अफवाह फैलाई तो होगी NSA की कार्यवाही…

बच्चा चोरी की अफवाह फैलाई तो होगी NSA की कार्यवाही…

बच्चा चोरी की अफवाहों के जाल में फंस कर कानून को अपने हाथ मे ले रहे है तमाम देशवासी…

लखनऊ । संवाददाता, हमारा देश भारत जहां की आबादी डेढ़ सौ करोड़ के करीब पहुंचने वाली है लेकिन हमारा देश एकता में अनेकता वाला देश पूरी दुनिया में माना जाता है । आधुनिकी के इस दौर में भले ही देश तरक्की की तरफ अपने कदम बढ़ाकर डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर रहा है लेकिन हमारे देश के करोड़ो ऐसे वासी हैं जो आज भी सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो और फोटो देखकर भ्रमित होने में देर नहीं लगाते हैं ये वही देश है जहां इंसानों के पत्थरों में तब्दील होने की अफवाह ने पूरी दुनिया में खलबली मचाई थी और आधी रात के बाद करोड़ो देशवासी सोते सोते पत्थर बनने के डर से पलंग से उठ कर सड़क पर आ गए थे वही देश है जहां नमक खत्म होने की अफवाह ने नमक जैसी सस्ती वस्तु को 500 रुपए प्रति किलो तक पहुंचा दिया था ये वही देश है जहां के लोग अनदेखे मुंहनोंचवा के भय में आकर अपना आपा खो चुके हैं और मुँहनोचवा की अफवाह के बाद अराजक हो चुके है यह वही देश है जहां के लोग चोटी कटवा की अफवाह के बाद भ्रमित होकर परेशान हो चुके हैं और अब देशवासी बच्चा चोर गिरोह के गैंग के सक्रिय होने की अफवाहों के बाद कानून को अपने हाथों में लेते हुए देखे जा रहे हैं । मौजूदा समय में देश बच्चा चोरी की अफवाह के घेरे में आकर देश के विभिन्न शहरों में तमाम ऐसे लोगों को बच्चा चोरी के आरोप में निशाना बना रहे हैं जिनका बच्चा चोरी से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। मौजूदा समय में सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे मैसेज फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें दिखाया और बताया जा रहा है कि बच्चा चोर गिरोह बच्चे चुरा कर उनकी हत्या करने के बाद बच्चों के शरीर के अंगों को महंगे दामों में बेच रहा है। डिजिटल दुनिया के इस दौर में लोग बिना सोचे समझे और खबरों की पुष्टि किए बिना ही ऐसे वीडियो फोटो और संदेश को वायरल कर रहे हैं जिस संदेशों में सच्चाई की मात्रा न के बराबर है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कई ऐसी खबरें आई जहां बच्चा चोरी के आरोप में अफवाह की गिरफ्त में आई भीड़ ने लोगों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि भीड़ के द्वारा बच्चा चोरी के आरोप में पीटा गया व्यक्ति निर्दोष निकला और बच्चा चोरी से उस व्यक्ति का दूर-दूर तक कोई संबंध ही नहीं था । बच्चा चोरी की अफवाहों को रोकने और बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों पर सरकार ने अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रदेश के समस्त जिलों के पुलिस कप्तानों को यह लिखित आदेश दिया है कि बच्चा चोरी की किसी भी सूचना को हल्के में न लिया जाए और तत्काल इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए स्थिति को साफ किया जाए। एडीजी प्रशांत कुमार ने ऐसे लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई किए जाने के आदेश भी दिए हैं जो महज़ बच्चा चोरी की अफवाह के जाल में फस कर बेकसूर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं।
एडीजी प्रशांत कुमार की ओर से जारी निर्देश में पुलिस अधिकारियों को मौके पर जाकर गांवों और मोहल्लों में पीस कमेटियों, ग्राम प्रधानों, सभासदों समेत अन्य प्रमुख लोगों से संपर्क करके अफवाहों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए जागरूक करने के लिए भी कहा गया है। एडीजी ने बच्चा चोरी का अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही उनके खिलाफ 7 सीएलए एक्ट के तहत मुदकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
निर्देश में 15 दिन के भीतर आरोप पत्र तैयार करके अदालत में पेश करने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है। उन्होंने पांच वर्ष के दौरान बच्चा चोरी से संबंधित दर्ज मुकदमों के आधार पर हिंसा फैलाने वालों, मॉब लिंचिंग और अफवाह फैलाने वालों को चिन्हीत करते हुए उनका सत्यापन कराने के निर्देश दिया है। सवाल यह उठता है कि सोशल मीडिया के इस दौर में देश में रहने वाले लोग जागरूक क्यों नहीं हो रहे हैं क्यों बिना सोचे समझे ऐसे वीडियो फोटो और संदेशों को फॉरवर्ड कर अफवाहों के आदान-प्रदान में भागीदार बन रहे हैं जो अफवाह और सिर्फ अफवाहें हैं और इन अफवाहों का सच्चाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। तमाम सामाजिक संगठनों के जिम्मेदारों ने भी लोगों से अपील की है कि लोग अफवाहों के भ्रम में फंस कर कानून को कतई अपने हाथ में न लें यदि किसी को किसी व्यक्ति पर बच्चा चोर होने का शक होता है तो वो खुद उसे सजा न देकर पुलिस को सूचना दें और पुलिस कानूनी कार्यवाही करते हुए जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करेगी। यहां ये भी साफ कर देना जरूरी है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले संदेश वीडियो फोटो अधिकतर फर्जी हो सकते हैं लेकिन ऐसे संदेशों की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर ले ताकि किसी सच्चे मैसेज को आप अफवाह समझ के लापरवाह न हो क्योंकि सब कुछ अगर अफवाह और झूठ है तो कहीं न कहीं बच्चे भी गायब होते हैं या उनके साथ कोई घटनाएं या दुर्घटनाएं भी हो रही है ऐसे हालात में ये जरूरी है कि देश की जनता दिमाग को खोल कर अपने बच्चों की हिफाजत करें और जागरूक रहकर कानून का साथ देते हुए कोई भी कार्रवाई कानूनी दायरे में रहकर ही करें।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…