सच्चाई और ईमानदारी के पुरोधा थे लोकपाल गुप्ता…
लोकपाल गुप्ता को एक कामयाब आडिट ऑफिसर के रूप में जाना जाता है। वह बागपत शुगर मिल में वर्ष 1980 से वर्ष 1986 तक सीनियर ऑडिटर के पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने पूरी मेहनत, ईमानदारी व लगन के साथ कार्य किया और अपनी एक विशेष पहचान बनायी। वह सभी कार्यों में निपुण थे। वह मानवता को सभी धर्मो से ऊपर मानने वाले शख्स थे और सभी धर्मो के लोगों का आदर सम्मान किया करते थे। वह एक सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति थे और कभी भी विपरित परिस्थितियों से नही धबराते थे। उनका मानना था कि मनुष्य का एक ही धर्म है और वह है मानवता। हम इस दुनिया में इंसान बनकर आए है तो सिर्फ इसलिए कि हम मानव की सेवा कर सकें। बागपत शुगर मिल से जाने के बाद वह डिस्ट्रिक्ट ऑडिट ऑफिसर रामपुर के पद पर वर्ष 1990 तक रहे। आगरा से वर्ष 1992 में रीजनल ऑडिट अफसर के पद से रिटायर हो गए। उन्होंने अपना आवास चंदौसी में बनाया और वहां स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करते रहे। उन्होंने अपने आवास में 8 से 10 स्टूडेंट्स को रहने की जगह उपलब्ध कराई तथा उनका उत्साहवर्धन करते रहे। वर्ष 2011 में उनका परलोक गमन हो गया। अब उनके पुत्र सौरभ गुप्ता उनके नक्शे कदम पर चलकर देश व समाज की सेवा में लगे हुए है। वह रक्षा मंत्रालय भारत सरकार की जहाज निर्माण कंपनी माझगांव डॉक बिल्डर्स लिमिटेड के महाप्रबंधक है, जो हम सबके लिए बहुत ही गौरव की बात है।
पत्रकार विवेक जैन की रिपोर्ट…