बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान में 6.5 लाख गर्भवती महिलाओं को देखभाल की सख्त जरूरत: यूएनएफपीए…
इस्लामाबाद, 31 अगस्त। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के अनुसार पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की कम से कम 6,50,000 गर्भवती महिलाओं को देखभाल की सख्त जरूरत है। देश में बाढ़ के चलते 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3 करोड़ 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने यह चेतावनी भी दी कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ लिंग आधारित हिंसा (जीबीवी) का खतरा बढ़ गया है। वहीं जून की शुरुआत से बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान में लगभग दस लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
यूएनएफपीए के अनुसार 6,50,000 में से 73, 000 से अधिक महिलाओं का अगले महीने प्रसव होने की उम्मीद है। उन्हें मातृत्व स्वास्थ्य देखभाल की सख्त जरूरत है। यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर काम करने वाली एजेंसी यूएनएफपीए ने अभूतपूर्व बाढ़ से प्रभावित महिलाओं की दयनीय तस्वीर पेश की है।
‘डॉन’ समाचार पत्र ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का हवाला देते हुए कहा, “अगले महीने 73,000 महिलाओं के प्रसव की उम्मीद है, उन्हें कुशल जन्म परिचारक, नवजात देखभाल और मदद की आवश्यकता होगी।”
यूएनएफपीए ने कहा कि गर्भधारण और प्रसव आपात स्थिति या प्राकृतिक आपदाओं के खत्म होने का इंतजार नहीं करते। एजेंसी ने कहा कि महिलाएं और बच्चे सबसे संवेदनशील हैं और संकट की इस घड़ी में उन्हें अत्यधिक देखभाल की जरूरत है।
यूएनएफपीए-पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रतिनिधि बख्तियार कादिरोव ने कहा, “यूएनएफपीए यह सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है कि गर्भवती व प्रसव से गुजर चुकीं महिलाओं को सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी जीवन रक्षक सेवाएं मिलती रहें।”
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने दुनिया से राहत प्रयासों को जारी रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सिंध में 1,000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से नुकसान हुआ। बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र बलूचिस्तान है, जहां 198 स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों को नुकसान हुआ है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…