मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज…

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज…

ये है मामला…

लखनऊ, 29 अगस्त। उत्तर प्रदेश में बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की अग्रिम ज़मानत याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को खारिज कर दिया।

न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अवैध हथियार रखने के मामले में लखनऊ पुलिस द्वारा अभियुक्त बनाये गये अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा अब्बास पर फर्जीवाड़ा करके हथियार का लाइसेंस हासिल करने और शूटिंग के हथियारों की आड़ में अवैध कारतूस रखने जैसे संगीन आरोपों के मद्देनजर उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

अब्बास की तरफ़ से पेश हुए वकील प्रांजल कृष्ण ने दलील दी कि याचिकाकर्ता सूबे की मौजूदा सरकार द्वारा राजनीतिक रूप से निशाना बनाये जा रहे पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का बेटा है, इसलिये उसे पुलिस द्वारा फर्जी आपराधिक मामलों में फंसाया गया है। लिहाजा उसे अदालत द्वारा अग्रिम जमानत दी जानी चाहिये। इस मामले में सरकार की तरफ़ से अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद शाही और सरकारी वकील अनुराग वर्मा ने अदालत में अपना पक्ष रखा।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त के विरुद्ध पुलिस द्वारा कुछ गंभीर आरोप लगाये गये हैं। इनमें अभियुक्त द्वारा फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करना और निशानेबाजी प्रतियोगिता के नाम पर भारी मात्रा में कारतूस और हथियार जुटाना शामिल हैं। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने फर्जी तरीके से हासिल किये गये शस्त्र लाइसेंस पर जो हथियार खरीदे उनमें दो बंदूक और एक पिस्तौल विदेश से आयात भी की गयी हैं।

इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा न्यायिक प्रक्रिया को लगातार नजरंदाज करने के तथ्य को भी संज्ञान में लेते हुए कहा कि उसके विरुद्ध मुनादी भी पिटवा दी गयी है, ऐसे में अदालत को अग्रिम जमानत अर्जी स्वीकार करने का कोई ठोस आधार नजर नहीं आता है। गौरतलब है कि अंसारी ने लखनऊ महानगर पुलिस थाने में आर्म्स एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…