सिंगापुर में बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में भारतीय महिला को छह महीने की जेल

सिंगापुर में बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में भारतीय महिला को छह महीने की जेल

 

सिंगापुर, 29 अगस्त । सिंगापुर में ऋण प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेज जमा कराकर बैंक से धोखाधड़ी करने के मामले में सोमवार को भारतीय मूल की एक महिला को छह महीने के कारावास की सजा सुनाई गई। उप लोक अभियोजक धीरज सी. चैनानी ने कहा कि सितंबर 2018 में किरण कौर (29) के पास नौकरी नहीं थी और वह आर्थिक तंगी का सामना कर रही थी। इस दौरान उसकी नजर एक विज्ञापन पर पड़ी।

‘द स्ट्रेट टाइम्स’ की खबर के अनुसार विज्ञापन के जरिए व्हाट्सऐप पर उसने “चार्ल्स” नामक व्यक्ति से संपर्क किया। अदालती दस्तावेजों में “चार्ल्स” की पहचान जाहिर नहीं की गई है। “चार्ल्स” ने कौर से कहा कि वह उसकी मदद कर सकता है। उप लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी महिला ने “चार्ल्स” को बताया कि वह फिलहाल काम नहीं कर रही है और बैंक से कर्ज लेने के लिए उसके पास कोई केंद्रीय भविष्य निधि योगदान नहीं है।

खबर में कहा गया है, “चार्ल्स ने आरोपी से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है और उसे (आरोपी को) बैंक कर्ज के लिए आवेदन करने को लेकर अपेक्षित आय स्तर को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है।”

“चार्ल्स” ने कौर से उसके ‘सिंगपास लॉगइन’ का ब्योरा देने को कहा। यह एक आधिकारिक ऑनलाइन कोड होता है, जो सरकारी दफ्तरों में किसी के डेटा तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

खबर में कहा गया है कि इसके बाद वह ऋण आवेदन के लिए दस्तावेज लेने के सिलसिले में ऑर्चर्ड रोड पर सिटी बैंक शाखा के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति से मिली।

कौर ने वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया था और उसे ऐसे दस्तावेज दिए गए जिनमें यह झूठ बोला गया था कि वह दूसरे बैंक में काम कर रही है और उसका वेतन प्रति महीना 6,700 सिंगापुरी डॉलर था।

खबर के अनुसार 10 सितंबर को उसने बैंक कर्ज के लिए आवेदन जमा किया, जिसे मंजूदी दे दी गई।

कौर को कुल मिलाकर 13,490 सिंगापुरी डॉलर की नकदी मिली थी, लेकिन उसने दावा किया कि उसने 4 हजार सिंगापुरी डॉलर अपने पास रखे और बाकी रकम जाली दस्तावेज बनाने वाले को दे दी।

दो अक्टूबर 2018 को सिटी बैंक के प्रतिनिधि ने पुलिस को शिकायत दी, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।

इस मामले में दोषी पाए जाने पर कौर को छह महीने की सजा सुनाई गई है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…