गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को मिली अग्रिम जमानत…

गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को मिली अग्रिम जमानत…

ट्रायल पूरा होने तक गिरफ्तारी पर रोक…

प्रयागराज, 24 अगस्त। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत दे दी है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की पीठ ने उन्हें एक निजी मुचलके और समान राशि में मुकदमे की समाप्ति तक अग्रिम जमानत दे दी।

आवेदक के वकील, प्रभा शंकर मिश्रा ने बताया कि आवेदक निर्दोष है और उसे वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है और उसने कभी भी कोई अपराध नहीं किया है जैसा कि प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है।

आगे यह भी निवेदन किया गया कि पूर्व में आरोप पत्र दाखिल होने तक उन्हें अग्रिम जमानत दी गई थी और जांच के दौरान उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया था, लेकिन जांच अधिकारी ने इस तथ्य की अनदेखी करते हुए और बिना ठोस और विश्वसनीय सबूत एकत्र किए और उनके खिलाफ आरोप पत्र जमा कर दिए।

गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में पूरी आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि धारा 419, 420 आईपीसी के तहत अपराध के लिए सामग्री पूरी तरह से उनके खिलाफ बनाई गई है।

इसके बाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के उद्देश्य से निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए सात दिन का समय दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए, उन्होंने अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया था, जहां उसका मुकदमा लंबित था, जिसमें कहा गया था कि उपयुक्त अदालत में मुकदमा नहीं चल रहा था।

बता दें, विकास दुबे, 3 जुलाई, 2020 के बिकरू कांड का मुख्य आरोपी था, जिसमें उसके घर पर छापा मारने गए आठ पुलिस कर्मियों को उसने और उसके लोगों ने गोली मार दी थी। घटना के एक हफ्ते के अंदर ही पुलिस ने लगातार मुठभेड़ में विकास दुबे और उसके गिरोह के पांच सदस्यों को मार गिराया था।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…