दलित छात्र की हत्या पर कांग्रेस एमएलए का इस्तीफा:बोले- अत्याचारों से आहत हूं…
समाज यातनाएं झेल रहा, दर्द बयां नहीं कर सकता…
बारां। बारां-अटरू विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा है। इसमें उन्होंने जालोर में टीचर की पिटाई से दलित छात्र की मौत घटनाक्रम से आहत होने की वजह बताई है।
मेघवाल ने इस्तीफे में लिखा, ‘भारत देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मेरा मन काफी आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।’
विधायक ने कहा- ‘प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कही घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है।’
मेघवाल ने कहा- ‘पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है। दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को मैंने विधानसभा में उठाया, उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया।
जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। मेरी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं, विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।’ बता दें कि पानाचंद मेघवाल दूसरी बार विधायक हैं। दोनों ही बार कांग्रेस के टिकट पर बारां-अटरू सीट से चुनाव जीते हैं।
मायावती बोलीं- सरकार बर्खास्त करें
इस घटना के विरोध में बहुजन समाजवादी पार्टी मायावती भी उतर आई हैं। मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों की जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। इस सरकार को बर्खास्त करके राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
पायलट बोले- खानापूर्ति न हो
इधर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी घटना की निंदा करते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा- ‘मैं आशा करता हूं कि सरकार और प्रशासन सिर्फ औपचारिक खानापूर्ति न कर, परिजनों को जल्द से जल्द उचित न्याय दिलाएंगे।’
उदयपुर-अहमदाबाद में 24 दिन तक इलाज के बाद स्टूडेंट की मौत
– आरोप है कि 20 जुलाई को जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में प्राइवेट स्कूल के हेड मास्टर छैल सिंह ने दलित स्टूडेंट इंद्र कुमार की पिटाई की थी।
9 साल के स्टूडेंट की दाहिनी आंख और कान पर अंदरूनी चोटें आईं। परिजन उसे जालोर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए, जहां से उसे उदयपुर रेफर किया गया। उदयपुर में भी कुछ दिन इलाज चला।
सुधार नहीं होने पर परिजन उसको अहमदाबाद ले गए, जहां इलाज के दौरान 13 अगस्त को स्टूडेंट की मौत हो गई। इधर, पुलिस ने हेड मास्टर के खिलाफ मर्डर और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
स्टूडेंट की बॉडी 14 अगस्त को गांव पहुंची। परिजनों ने 50 लाख मुआवजा, 1 सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की। प्रशासन से बातचीत के दौरान वहां माहौल गर्मा गया।
-भीम आर्मी के समर्थकों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त, पुलिस का लाठीचार्ज। रविवार शाम करीब साढ़े सात बजे मुआवजे पर सहमति बनी तब बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…