मैनेजमैंट टिप्स: दृढ़ बनने की कला में माहिर बनें…
आवश्यकता से अधिक दृढ़ बॉस को दबंग और तानाशाह माना जा सकता है लेकिन जो बॉस हमेशा नरमी की प्रवृत्ति दिखाता है, उसे कमजोर समझा जाता है। अच्छे बॉस को इन दोनों के बीच संतुलन खोजना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको हर समय दृढ़ होने की कोशिश करनी चाहिए।
इसके बजाय अलग-अलग स्थितियों में दोनों नीतियों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार रहना चाहिए। टीम के सदस्यों को यह जरूरत हो सकती है कि कोई खास मुश्किल लक्ष्य हासिल करने के लिए आप उन्हें चुनौती दें या आपको इस बारे में चुप रहने की जरूरत महसूस हो सकती है ताकि वे स्वयं आगे बढ़ जाएं, लचीले बनें। अपनी भावनात्मक बुद्धि का इस्तेमाल करके तय करें कि कब दृढ़ता दमघोंटू नहीं, बल्कि प्रेरक होगी और कब पर्दे के पीछे रहना हताश करने से ज्यादा उचित होगा।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…