अमन के लिए पुलिस फोर्स के साथ 4 किलोमीटर पैदल चले पुलिस कमिश्नर…

अमन के लिए पुलिस फोर्स के साथ 4 किलोमीटर पैदल चले पुलिस कमिश्नर…

पुलिस कमिश्नर ने कहा मोहर्रम के दौरान रहेंगे सुरक्षा के पुख्ता इंतिज़ाम…

लखनऊ । संवाददाता, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर शुक्रवार की शाम पुलिस के आला अफसरों और भारी पुलिस फोर्स के साथ पुराने लखनऊ के संवेदनशील क्षेत्रों में पैदल रूट मार्च के लिए निकले। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने पाटा नाला पुलिस चौकी के पास से रूट मार्च शुरू किया और वो पुलिस के आला अफसरों और पुलिस फोर्स के साथ पैदल चलकर अकबरी गेट, नखास टूरियागंज, मंसूर नगर काज़मैन होते हुए करीब 4 किलोमीटर पैदल चलकर दरगाह हजरत अब्बास पहुंचे। मोहर्रम के सभी कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पुलिस फोर्स के साथ 4 किलोमीटर पैदल रूट मार्च कर जनता में सुरक्षा की भावना को जागृत करने के लिए किए गए रूट मार्च के बाद पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि मोहर्रम के सभी जुलूसों और कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण माहौल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न कराया जाएगा । उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से 2020 और 2021 में कोई भी धार्मिक कार्यक्रम नहीं हुआ लेकिन 2022 में मोहर्रम के सभी कार्यक्रमों को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा । उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुराने लखनऊ के कई क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को लगाया गया है और अन्य जिलों से भी पुलिस फोर्स बुलाई गई है । उन्होंने कहा कि मोहर्रम में निकाले जाने वाले जुलूसों और बड़ी मजलिसों के दौरान एकत्र होने वाली भीड़ पर ड्रोन कैमरों से भी निगाह रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दिक्कत पर पुलिस जनता के साथ है और किसी भी तरह की अशांति फैलने नहीं दी जाएगी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के साथ रूट मार्च में डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा , एडीसीपी चिरंजीवी नाथ सिन्हा के अलावा एसीपी चौक, एसीपी बाजार खाला, एसीपी कैसरबाग और कई थानों के इंस्पेक्टरों के अलावा आरएएफ और पीएसी के जवान भारी संख्या में उनके साथ पैदल गश्त कर रहे थे ।4 किलोमीटर लंबी सड़क पर पैदल रुट मार्च कर रहे पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने रास्ते में कई लोगों से चर्चा भी की।

अमन शांति के लिए बुलट पर सवार होकर DCP ने किया रूट मार्च

मोटर साइकिलों के काफिले के साथ पुराने लखनऊ में पुलिस ने किया फ्लैग मार्च

लखनऊ । संवाददाता, मोहर्रम का महीना शुरू होने से पहले लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और उनके मातहत अधिकारियों ने लखनऊ के लोगों को एहसास करा दिया है कि लखनऊ पुलिस किसी भी तरह की अराजकता फैलने नहीं देगी और मोहर्रम के दौरान सभी कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराया जाएगा । मोहर्रम शुरू होने से पहले शुक्रवार को डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा ने पुराने लखनऊ के कई थाना क्षेत्रों में मोटर साइकिल पर सवार पुलिस कर्मियों के काफिले के साथ संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर अमन के दुश्मनों को पुलिस की ताकत का एहसास कराते हुए अमन पसंद लोगों को भी एहसास करा दिया कि पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और मोहर्रम के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी फैलाने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। डीसीपी एस चिनप्पा मोटर साइकिलो के काफिले के आगे बुलेट मोटर साइकिल पर सवार होकर चल रहे थे और उनके पीछे हूटर लगी सैकड़ों मोटरसाइकिल चल रही थी। डीसीपी ने पुराने लखनऊ के उन संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया जहां मोहर्रम के दौरान मजलिस और मातम के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और जुलूसों का भी आयोजन किया जाता है। सुबह करीब 11:30 बजे डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा के नेतृत्व में रूमी गेट के पास से पुलिस की बाइक रैली शुरू हुई और करीब 1 घंटे तक संवेदनशील क्षेत्रों में चलती रही ।

संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस ने आयोजित की पीस कमेटी की मीटिंग

लखनऊ । संवाददाता, पुराने लखनऊ के संवेदनशील माने जाने वाले सहादतगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत वजीरबाग मोहल्ले में शुक्रवार की दोपहर सेक्टर वार्डन मोहम्मद उरूज के द्वारा पीस कमेटी की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें इंस्पेक्टर सहादतगंज सिद्धार्थ मिश्रा, अम्बरगंज चौकी इंचार्ज सुशील यादव, अंबरगंज वार्ड के पार्षद पति मोहम्मद अहसान, पूर्व पार्षद सुशील शुक्ला, समाजसेवी मोहम्मद सुलेमान, कल्लू नेता पत्रकार जुनैद खान पठान ने शिरकत की । इस मीटिंग में बोलते हुए इंस्पेक्टर सआदतगंज ने कहा कि मोहर्रम त्योहार नहीं बल्कि गम का महीना है और गम के इस महीने में एक दूसरे की भावनाओं का आदर करते हुए भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों की बनिस्बत लखनऊ का मोहर्रम ज्यादा संवेदनशील क्यों है इस पर विचार होना चाहिए । उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पूर्व की तरह जनता के सहयोग से इस बार भी मोहर्रम के सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न होंगे। उन्होंने कहा कि मोहर्रम के दौरान परंपरागत कार्यक्रमों की इजाजत है कोई भी नई परंपरा नहीं पढ़नी चाहिए। इंस्पेक्टर ने कहा कि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है आप निश्चिंत होकर परंपरागत तरीके से मोहर्रम मनाइए यदि कोई गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करें तो खुद कार्यवाही न करते हुए पुलिस से संपर्क कीजिए उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम के दौरान गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ जो कार्यवाही होती है वो कार्यवाही जिंदगी भर पीछा नहीं छोड़ती है इसलिए संयम बरतें और सब्र से काम ले पुलिस आपकी सेवा के लिए सदैव तत्पर है।

मीटिंग में याद किए गए पूर्व इंस्पेक्टर एमपी सिंह

पीस कमेटी की मीटिंग में बोलते हुए अंबरगंज वार्ड की पार्षद पति मोहम्मद अहसान ने कहा कि साल 2013 के बाद लखनऊ में कोई फसाद नहीं हुआ और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम के दौरान दंगा भड़काने वाले शरारती तत्व होते हैं और उन पर हमें पैनी नजर रखी होगी उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों पर भी नजर रखनी होगी क्योंकि बच्चे जज्बाती होते हैं और जज्बात भड़कने में देर नहीं लगती हैं उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करता है और अराजकता फैलाने वालों को न पहले कभी बख्शा गया है और न भविष्य में बख्शा जाएगा उन्होंने लोगों से अपील की कि मोहर्रम के दौरान परंपरा से हटकर कोई नई परंपरा शुरू न की जाए उन्होंने पुलिस के अधिकारियों से अपील की की जुलूसों के दौरान क्षेत्र में भीड़ न लगने दें। श्री एहसान ने सहादतगंज के पूर्व इंस्पेक्टर महेश पाल सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि महेश पाल क्षेत्र में इतिहास रच कर रहे हैं उन्होंने कहा कि महेश पाल सिंह के कार्यकाल में एक मासूम बच्ची के साथ दर्दनाक घटना हुई थी उसके बाद क्षेत्र का माहौल बिगड़ गया था लेकिन महेश पाल की सूझबूझ की वजह से दंगा नहीं भड़का और उन्होंने मासूम बच्ची की हत्या के आरोपी को 24 घंटों के अंदर गिरफ्तार किया था 6 दिन के अंदर चार्ज शीट लगाई थी और हत्या आरोपी को महज़ 4 महीनों के अंदर ही फांसी की सजा दिला कर ये साबित किया था कि कानून अपना काम करता है।

अमन के लिए खतरा है नशेड़ी : जुनैद खान पठान

पीस कमेटी की मीटिंग में बोलते हुए पत्रकार जुनैद खान पठान ने कहा कि अमन शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा नशे का कारोबार और नशे के आदि लोग हैं क्योंकि नशा करने के बाद आदमी अच्छे बुरे की तमीज भूल जाता है और नशे की हालत में वो कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन जाता है श्री जुनैद ने इंस्पेक्टर सहादत गंज से अपील की कि वो क्षेत्र में फैले अवैध नशे के कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाएं ताकि नशे के आदि लोग मोहर्रम के दौरान होने वाले कार्यक्रमों में नशे की हालत में अराजकता न फैला सकें । उन्होंने कहा कि क्षेत्र की अमन पसंद जनता और पुलिस के बीच जो तालमेल है वो शांति बनाए रखने के लिए बहुत अच्छा है और उन्हें उम्मीद है ये तालमेल बना रहेगा और शांति हमेशा कायम रहेगी। श्री जुनैद ने कहा कि अमन शांति के दुश्मन हमेशा कुछ स्वार्थी लोग होते हैं और इन स्वार्थी लोगों से न सिर्फ हमें दूर रहना है बल्कि इन स्वार्थी लोगों पर हमें निगाह भी रखनी है।

हम लोगों के रहते हुए हालात नहीं बिगड़ेंगे : सुशील शुक्ला

पीस कमेटी की मीटिंग में बोलते हुए अम्बरगंज वार्ड के पूर्व पार्षद सुशील शुक्ला ने कहा कि हम जैसे और आप जैसे अमनपसंद लोगों के रहते हुए क्षेत्र में हालात कभी नहीं बिगड़ेंगे और हमेशा हम लोग मिलकर एकजुटता कायम रखेंगे । उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कोई दंगाई नहीं है और अगर कोई क्षेत्र में दंगाई बनेगा तो वो कानून की नजर से बच नहीं पाएगा और हम लोग मिलकर अमन के दुश्मन किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही के लिए खड़े हो जाएंगे । मीटिंग में बोलते हुए सपा नेता विनोद कनौजिया ने कहां की अमन के लिए क्षेत्र में फैला सट्टे और नशे का कारोबार बड़ा खतरा है जिसे किसी भी दशा में बंद कराया जाना चाहिए । पीस कमेटी की मीटिंग को वरिष्ठ समाजसेवी और सिविल डिफेंस के वरिष्ठ पूर्व पदाधिकारी मोहम्मद फारूक ने भी संबोधित किया इसके साथ ही कल्लू नेता ने भी मीटिंग में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अमन की हिफाजत के लिए संयम ही सबसे बड़ा हथियार है।

मोहर्रम के 10 दिनों में ये होंगे कार्यक्रम

साल 1999 में शिया, सुन्नी और प्रशासन के बीच हुए समझौते के अनुसार मोहर्रम की 1 तारीख को बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक हुसैनाबाद ट्रस्ट की तरफ से शाही ज़रीह का जुलूस शाही अंदाज में निकाला जाता है । हुसैनाबाद ट्रस्ट की तरफ से ही सातवीं मोहर्रम को बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक शाही अंदाज में शाही मेहंदी का जुलूस निकाला जाता है इसके उपरांत 8 मोहर्रम की रात दरिया वाली मस्जिद से इमामबाड़ा गुफरान माब तक अलम फतेह फुरात का जुलूस निकाला जाता है नौ मुहर्रम की रात बजाजा स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से रौज़ा ए नजफ़ तक शबे आशूर का जुलूस निकाला जाता है । इसके अलावा 10 मोहर्रम को सुबह बजाजा स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से कर्बला तालकटोरा तक कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ शहीद हुए पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे और हजरत अली के बेटे हजरत इमाम हुसैन की याद में आशूर का जुलूस निकाला जाता है। इसके अलावा एक मोहर्रम से लेकर नौ मुहर्रम तक पुराने लखनऊ में कई बड़ी मजलिसों का आयोजन भी किया जाता है जिसमें हजारों लोग शिरकत करते हैं।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…