स्मैक बिक्री का विरोध कर रही भीड़ लाठीचार्ज के बाद बेकाबू

स्मैक बिक्री का विरोध कर रही भीड़ लाठीचार्ज के बाद बेकाबू

भीड़ ने पुलिस बल पर किया पथराव, दो एसएचओ समेत आठ पुलिसकर्मी घायल

नई दिल्ली, 28 जुलाई। शालीमार बाग में बुधवार देर रात स्मैक बिक्री का विरोध कर रही भीड़ लाठीचार्ज के बाद बेकाबू हो गई। भीड़ ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया, जिसमें दो एसएचओ समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने मामले में गैर इरादतन हत्या की कोशिश, सरकारी कर्मियों पर हमला और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, लोगों का आरोप है कि पुलिस की शह पर इलाके में स्मैक की बिक्री की जा रही है, जिसका विरोध करने पर लाठियां बरसाई गईं।

जानकारी के अनुसार, रिंग रोड पर शालीमार बाग के एओ ब्लॉक की झुग्गी बसी हुई है। बुधवार रात को कुछ युवक वहां स्मैक पी रहे थे, जिनसे स्थानीय निवासी संतोष की कहासुनी हो गई। मामला बढ़ा तो स्मैक बिक्री के विरोध में इलाके के सैकड़ों लोग जमा हो गए और रिंग रोड पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों का आरोप था कि तस्कर खुलेआम स्मैक बेच रहे हैं, जिसके लिए यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लग रहा है। इससे अपराध की आशंका बनी रहती है। वहीं, कई बार की शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।

बताया जा रहा है कि सैकड़ों की भीड़ के कारण रिंग रोड पर यातायात प्रभावित होने लगा। शालीमार बाग थाने की पुलिस ने लोगों को हटाने के लिए अचानक लाठी चार्ज कर दिया। इससे स्थानीय लोग भड़क गए और पुलिस टीम से भिड़ गए। डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि लोगों ने पुलिस के साथ ही राहगीरों पर ईंट और बोतलें फेंकीं। भीड़ ने ट्रैफिक पुलिस की बाइक को भी जलाने की कोशिश की। वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर तस्करों के खिलाफ एक बार भी कार्रवाई नहीं की, लेकिन उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन किया तो उन पर लाठियां बरसाई गईं।

पुलिस के अनुसार, इस घटना में सुभाष प्लेस थाना के एसएचओ राजेश झा, केशवपुरम के एसएचओ राजेश कुमार, वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के चौकी प्रभारी प्रेम प्रकाश सिंह समेत आठ पुलिसकर्मियों के सिर और हाथ-पैर में चोट लगी है। वहीं एक व्यक्ति संतोष भी घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, संतोष ने पुलिस वाहन के शीशे पर हाथ से प्रहार कर अपने आप को घायल कर लिया। सभी घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि रोशन और रीमा ने झुग्गी खरीदी, तब से यहां नशे का कारोबार होने लगा। यहां स्मैक की बिक्री एक महीने से की जा रही है। स्मैक के लिए यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है, जिससे असुरक्षा बनी रहती है। स्मैक पीने वालों की कतार लगने से यहां के बच्चों पर भी असर पड़ रहा है। इस बारे में बीट कांस्टेबल और थाने को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

बुधवार रात विवाद बढ़ने पर आक्रोशित लोगों ने आरोपी रोशन के घर में भी तोड़फोड़ की। पुलिस का कहना है कि स्मैक की तस्करी के दोनों आरोपी पहले वजीरपुर में सक्रिय थे लेकिन वहां पुलिस की सख्ती के बाद काम समेटकर एओ ब्लॉक की झुग्गी में आकर रहने लगे। पुलिस स्मैक तस्करी के आरोपी रोशन और उसके फरार साथियों की तलाश कर रही है।

बता दें कि उत्तर पश्चिम जिले के कुछ इलाके स्मैक बिक्री के लिए बदनाम हैं। इनमें जहांगीरपुरी सी ब्लॉक, केला गोदाम शालीमार बाग, हैदरपुर, लॉरेंस रोड इंडस्ट्रियल एरिया की झुग्गियां, शकूरपुर, वजीरपुर गांव, और सिगरेट वाला बाग आदि इलाके शामिल हैं।