आइएमएफ ने घटाई विकास दर, फिर भी टॉप लिस्ट में बना है भारत…

आइएमएफ ने घटाई विकास दर, फिर भी टॉप लिस्ट में बना है भारत…

नई दिल्ली, 27 जुलाई। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 8.2 से 7.4 फीसद कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले बाहरी प्रभाव और मौद्रिक नीति की सख्ती के चलते भारत की विकास दर उम्मीद से कमतर रहने का अनुमान है। अपने नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में आइएमएफ ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के चलते सरकारों की प्राथमिकता उस पर काबू पाने की है। नीति निर्माताओं ने मौद्रिक नीति को और सख्त करके मुद्रास्फीति पर काबू पाने को प्राथमिकता दी है। आइएमएफ ने वैश्विक विकास अनुमान में भी कटौती की और चेतावनी दी कि दुनिया जल्द ही मंदी के कगार पर हो सकती है। आइएमएफ ने कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास इस साल 3.2 फीसदी तक धीमा होने की संभावना है। यह अप्रैल में आइएमएफ द्वारा लगाए गए 3.6 फीसदी के पूर्वानुमान से कम है। आइएमएफ ने अपने विश्व आर्थिक आउटलुक में कहा कि 2021 में हालात में आंशिक सुधार के बाद 2022 विकास दर में गिरावट आई है। चीन में छाई मंदी और यूक्रेन युद्ध से नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विकास दर में गिरावट के बावजूद, भारत 2022-23 और 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। रिपोर्ट में 2022 के दौरान केवल सऊदी अरब की विकास दर भारत से अधिक रहने का अनुमान लगाया गया है। सऊदी अरब की विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। भारत के लिए आइएमएफ का विकास पूर्वानुमान सबसे आशावादी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। चीन की विकास दर 4.4 प्रतिशत से 2022 में धीमी होकर 3.3 फीसद रहने का अनुमान है। वहीं रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की स्थति पहले से बेहतर हो रही है।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…