विकीपीडिया के फाउंडेशन समेत छह मानवाधिकार समूहों को संरा की मान्यता मिली…
संयुक्त राष्ट्र, 23 जुलाई। ऑनलाइन विश्वकोश विकीपीडिया का संचालन करने वाले फाउंडेशन समेत छह मानवाधिकार संगठनों को वर्षों की देरी के बाद आखिरकार संयुक्त राष्ट्र की मान्यता मिल गयी है।
वे अब आर्थिक विकास और समाजिक मुद्दों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था में अपने मुद्दे पेश कर सकेंगे और चर्चा में भाग ले सकेंगे।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की गैर सरकारी संगठनों सबंधी एक समिति के समक्ष इन छह समूहों पर मतदान कराने का जून में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन उस समय कोई कदम नहीं उठाया जा सका था। यह समिति संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद की मान्यता देने के अनुरोधों पर फैसला लेती है। बाद में अमेरिका, इटली, स्वीडन और एस्टोनिया ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर बृहस्पतिवार को मतदान हुआ।
इस प्रस्ताव के पक्ष में 23 देशों ने मतदान किया, सात ने इसके खिलाफ मतदान किया और 18 सदस्य देश मतदान से दूर रहे। रूस ने इन छह मानवाधिकार समूहों को परामर्शदाता का दर्जा देने का विरोध किया। चीन, भारत, कजाखस्तान, निकारागुआ, नाइजीरिया और जिम्बाब्वे ने भी इसका विरोध किया।
मानवाधिकार निगरानी संगठन में संयुक्त राष्ट्र के निदेशक लुइस चार्बोनियु ने कहा, ‘‘छह मानवाधिकार समूहों को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता देने का फैसला सही दिशा में लिया गया निर्णय है, लेकिन यह उन सैकड़ों संगठनों का महज एक छोटा-सा हिस्सा है, जिनके आवेदन रूस, चीन और अन्य सरकारों ने अनुचित रूप से वर्षों से रोके हुए हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र की मान्यता हासिल करने वाले छह संगठनों में बेलारूस की ‘हेलसिंकी कमेटी’, स्वीडन की‘डायकोनिया’, इटली की ‘नो पीस विदआउट जस्टिस’, ‘एस्टोनिया इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमैन राइट्स’ और अमेरिका के दो समूह ‘सीरियन-अमेरिकन मेडिकल सोसायटी’ और ‘विकीमीडिया फाउंडेशन’ शामिल हैं।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…