विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली (राउंड अप)…

विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली (राउंड अप)…

कोलंबो/सिंगापुर,। अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

विक्रमसिंघे के सामने देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने तथा महीनों से चल रहे व्यापक प्रदर्शनों के बाद कानून एवं व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है। गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं।

बता दें कि मई 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर. प्रेमदास के निधन के बाद दिवंगत डीबी विजेतुंगा को निर्विरोध चुना गया था। छह बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को बुधवार को देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे इस द्वीपीय देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ चल रही वार्ता के जारी रहने की उम्मीद की जा सकती है। विक्रमसिंघे पर देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने और महीनों से चल रहे प्रदर्शनों के बाद कानून-व्यवस्था बहाल करने की जिम्मेदारी है। विक्रमसिंघे अब गोटबाया राजपक्षे के बाकी बचे कार्यकाल तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे, जो नवंबर 2024 में खत्म होगा।

जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन होगा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ दिनों में 20-25 सदस्यों के मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा। राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजन पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के समर्थन से विक्रमसिंघे की जीत सत्ता पर राजपक्षे परिवार की पकड़ को दिखाती है, जबकि गोटबाया राजपक्षे, पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद इस्तीफे दे दिए हैं।

फिर से स्थिति बिगड़ने की आशंका

विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं। विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे।

पीएम के सामने पहली चुनौती

नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समक्ष सबसे पहली चुनौती अनाज और ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को उन्हें एक मौका देने के लिए राजी करना है।

राजपक्षे को अल्पावधि यात्रा का पास दिया : सिंगापुर

सिंगापुर ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को 14 दिन की अल्पावधि यात्रा का पास दिया गया, क्योंकि वह 14 जुलाई को निजी यात्रा पर सिंगापुर आए थे। आव्रजन अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। राजपक्षे 13 जुलाई को देश छोड़कर मालदीव चले गए थे और फिर वहां से सिंगापुर चले गए थे। राजपक्षे की सिंगापुर यात्रा के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में एक बयान जारी करते हुए आव्रजन और सीमा जांच चौकी प्राधिकरण (आईसीए) ने कहा कि उन्हें सिंगापुर पहुंचने पर अल्पावधि यात्रा के लिए पास दिया गया है। आईसीए ने कहा कि आम तौर पर सामाजिक यात्रा पर सिंगापुर आने वाले श्रीलंका के पर्यटकों को 30 दिनों की अवधि के लिए एसटीवीपी जारी किया जाता है। अगर वे इस अवधि को बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए ऑनलाइन आवेदन देना होगा।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…