यूरोपीय निवेश बैंक बना सीडीआरआई गठबंधन का सदस्य…
नई दिल्ली,। यूरोपीय संघ (ईयू) के स्वामित्व वाला यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के साथ टिकाऊ विकास को गति देने के लिए शुरू की गई भारतीय पहल सीडीआरआई का हिस्सा बन गया है।
ईआईबी ने मंगलवार को कहा कि वह भारत की तरफ से शुरू किए गए आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन (सीडीआरआई) के सदस्यों के साथ काम करने को तैयार है ताकि जलवायु परिवर्तन एवं टिकाऊ वैश्विक संपर्क स्थापित करने की दिशा में यूरोपीय संघ के प्रयासों को गति दी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में सीडीआरआई पहल की शुरुआत की थी। यह एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगकारी मंच है जिसमें निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के प्रतिनिधि मिलकर ऐसी ढांचागत व्यवस्था का निर्माण करेंगे जो जलवायु परिवर्तन एवं आपदा से जुड़े जोखिमों से निपटने के अलावा टिकाऊ विकास को भी समर्थन देंगे।
यूरोपीय निवेश बैंक के अध्यक्ष वर्नर हॉयर ने कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के एक मंच के तौर पर सीडीआरआई बनाने के भारत सरकार के कदम का स्वागत करता हूं। ईआईबी सीडीआरआई के सदस्यों को परामर्श एवं वित्तीय समर्थन देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वे यूरोपीय संघ की सभी संबद्ध गतिविधियों से लाभांवित हो सकें।’’
सीडीआरआई में सरकारों के अलावा संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां, बहुपक्षीय विकास बैंक और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं।
इस मौके पर भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत यूगो एस्तुतो ने कहा कि ईआईबी का सीडीआरआई में शामिल होना ईयू एवं भारत की संपर्क से संबंधित भागीदारी को मजबूत करेगा।
यूरोपीय निवेश बैंक ने कहा कि विकासशील देशों को फिलहाल जलवायु अनुकूलन के लिए सालाना 60 अरब यूरो के निवेश की जरूरत है और वर्ष 2030 तक यह जरूरत बढ़कर 120-250 अरब यूरो प्रति वर्ष हो जाएगी। ईआईबी ने वर्ष 2025 तक अपने जलवायु वित्त का 15 प्रतिशत अनुकूलन मद में देने की प्रतिबद्धता जताई है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…