सीओए ने संविधान का मसौदा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा
नई दिल्ली, 16 जुलाई । अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने महासंघ के नये संविधान का मसौदा उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्वीकृति के लिये प्रस्तुत किया है। एआईएफएफ ने शनिवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार, 18 मई को एआईएफएफ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल पटेल को महासंघ से बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनकी जगह सीओए को नियुक्त किया था। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में संचालित इस समिति को महासंघ का नया संविधान तैयार करने की जिम्मेदारी भी दी गयी थी।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “विभिन्न हितधारकों के साथ लंबी चर्चा के बाद, एआईएफएफ के संविधान का मसौदा आखिरकार माननीय अदालत को सौंप दिया गया है। मैं इस प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं और आशा करता हूं कि हम नए संविधान के साथ भारतीय फुटबॉल के विकास के लिये काम कर सकते हैं।” शीर्ष अदालत ने सीओए को संविधान को अपनाने में मदद करने और एआईएफएफ के चुनाव जल्द से जल्द कराने के उद्देश्य से मतदाता सूची तैयार करने का निर्देश दिया था।
सीओए ने तब से संविधान का मसौदा तैयार करते हुए 150 घंटे से अधिक काम किया है और राज्य संघों, फीफा, एएफसी, हीरो आईएसएल और हीरो आई-लीग क्लबों सहित एआईएफएफ के सभी हितधारकों से बात की है और उनके द्वारा भेजे गए सुझावों पर विचार किया है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एआर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली की तीन सदस्यीय समिति ने शुक्रवार, 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय के सामने संविधान का प्रतिलेख प्रस्तुत किया।
डॉ कुरैशी ने कहा, “काफी विचार-विमर्श के बाद, हमने आखिरकार संविधान का एक मसौदा तैयार कर दिया है जो एआईएफएफ को राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप रखेगा, साथ ही फीफा और एएफसी के सदस्य संघ के रूप में कुशलतापूर्वक कार्य करने में मदद करेगा।” उन्होंने कहा, “हमें विश्वास है कि इन परिवर्तनों के साथ, महासंघ अब भारतीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए एक अच्छी स्थिति में होगा।”
न्यायमूर्ति दवे ने कहा, “हमने भारतीय फुटबॉल में शामिल सभी हितधारकों और नव-निर्मित संविधान पर उनके संबंधित महत्वपूर्ण विचारों को ध्यान में रखा है। हमें देश भर के फुटबॉल प्रेमियों से भी कुछ सुझाव मिले और उनका सूक्ष्म और गंभीरता से अध्ययन किया गया। मैं कामना करता हूं कि सभी हितधारक बेहतरीन तरीके से शामिल हों क्योंकि हम सभी भारत में इस खूबसूरत खेल को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।”
भारत के पूर्व गोलकीपर और कप्तान भास्कर गांगुली ने इतने कम समय में संविधान का मसौदा तैयार करने पर सभी की सराहना की। उन्होंने कहा, “संविधान के मसौदे में जितना काम किया गया है वह वास्तव में सराहनीय है और मैं इसे पूरा करने में शामिल सभी लोगों को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि इन नए बदलावों के साथ, हमारे देश में फुटबॉल पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ता रहेगा।”
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…