12वीं कक्षा के बाद आप आर्ट्स में बना सकते है करियर, ये है विकल्प…

12वीं कक्षा के बाद आप आर्ट्स में बना सकते है करियर, ये है विकल्प…

आर्ट्स के आसान होने तथा इसमें करियर स्कोप की कम संभावना जैसे पूर्वाग्रह बिलकुल निराधार हैं. इस विषय में भी बहुत चुनौतियां हैं तथा यह छात्रों को आगे के अध्ययन या करियर के लिए अच्छे अवसर प्रदान करते हैं.यूपीएससी, सिविल सर्विसेज जैसी कुछ प्रोफेशनल परीक्षाओं के लिए, आर्ट्स विषय का अध्ययन करने वाले छात्रों को अपनी एक मजबूत नींव बनाने में मदद मिलती है जिससे वे आगे चलकर इन परीक्षाओं में सफलता हासिल कर समाज और करियर में एक उच्च मक़ाम हासिल करते हैं.

आर्ट्स स्ट्रीम में अवसरों की भरमार है. इसके अंतर्गत सबसे अधिक अपीलिंग सब्जेक्ट्स का चयन करने की स्वतंत्रता प्रत्येक छात्र को होती है. अपीलिंग से अभिप्राय है जिस विषय को पढ़ने में छात्र का मन लगता हो तथा उसमें ही वह आगे कुछ करने की सोचता हो. वह उसके विचार, रूचि आदि से मेल खाता हो.

आर्ट्स स्ट्रीम के कुछ प्रमुख सब-डोमेन हैं:

मानविकी(ह्यूमेनिटी): मानविकी एक विशाल क्षेत्र है और इसे कुछ शब्दों के माध्यम से परिभाषित करना संभव नहीं है.आम तौर पर, मानविकी के अंतर्गत ‘मनुष्य की स्थिति’ का अध्ययन किया जाता है.इसमें मानव पृष्ठभूमि में मानव व्यवहार, सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों के विकास के पीछे के कारणों को समझना तथा उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का पता लगाना आदि कार्य शामिल हैं. इस डोमेन में विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है और उनमें से कुछ हैं: हिस्ट्री, लैंग्वेज, लिटरेचर, लॉ, फिलोसोफी, रिलीजन, परफॉर्मिंग आर्ट्स, एन्थ्रोपोलॉजी, कम्युनिकेशन, सोसियोलॉजी, साइकोलॉजी

ललित कला (फाइन आर्ट्स): परिभाषा के अनुसार, ललित कला वस्तुतः एक ऐसी कला का विकास है जिसका अभ्यास पूरी तरह से अपने सौंदर्य मूल्यों और सौंदर्य में वृद्धि लिए किया जाता है. कला के क्षेत्र में ललित कला एक व्यापक शब्द है जिसमें विजुअल आर्ट्स, परफॉर्मिंग आर्ट्स और साहित्यिक कला आदि शामिल हैं. एक स्टडी स्ट्रीम के रूप में यह ऊपर वर्णित सभी तीन उप-डोमेन में रचनात्मक कौशल और विचार-प्रक्रिया के विकास को परिभाषित करता है.

दृश्य कला (विजुअल आर्ट्स): जैसा कि नाम से ही पता चलता है, दृश्य कला वह क्षेत्र है जो दृश्य कला रूपों के विकास से जुड़ा हुआ है. इसमें प्रसिद्ध कलाकारों और उनके कार्यों तथा उनकी प्रेरणा को समझने का प्रयास किया जाता है.इनके अलावा, इसमें दृश्य कला यानी चित्रकला, , मूर्तियां और स्वयं की तथा दूसरों की प्रतिमूर्तियाँ तैयार करने के लिए रचनात्मक कौशल को विकसित करने की कला का ज्ञान प्राप्त किया जाता है .विजुअल आर्ट्स के अंतर्गत प्रमुख उप-डोमेन में निम्नांकित विषय शामिल हैं: पेंटिंग, ड्राइंग, स्कल्प्चर (मूर्ति कला), फोटोग्राफी, कन्सेप्चुअल आर्ट्स, आर्किटेक्चर, बुनाई (विभिंग), कपड़े (फेब्रिक्स),

परफॉर्मिंग आर्ट्स: परफॉर्मिंग आर्ट्स ललित कला का उप-डोमेन होने के साथ साथ इसमें छात्रों में प्रदर्शन कला कौशल के विकास पर भी जोर दिया जाता है. प्रदर्शन कलाओं के अध्ययन में संगीत, अभिनय, नृत्य और रंगमंच जैसे डोमेन शामिल हैं. छात्र कला प्रदर्शन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तकनीकों और कौशल के बारे में सीखते और जानते है. परफॉर्मिंग आर्ट्स स्ट्रीम्स के मुख्य अध्ययन डोमेन हैं: म्यूजिक, थिएटर डांस गायन (सिंगिंग), अभिनय (एक्टिंग), कॉमेडी, डायरेक्शन,कोरियोग्राफी, एडिटिंग, मार्शल आर्ट,

साहित्यिक कला (लिटरेरी आर्ट्स): इसके नाम से ही पता चलता है, साहित्यिक कला साहित्यिक कला कृतियों यानी किताबों और उपन्यासों के लेखन से संबंधित है. लेखन और कहानी कहने वाले प्रमुख कुछ ऐसे कौशल हैं जो साहित्यिक कलाओं का अध्ययन करते समय ध्यान में रखने होते हैं.आजकल, इसमें एटीएल और बीटीएल मार्केटिंग अभियानों के लिए फिल्मों तथा विज्ञापन और रचनात्मक प्रतिलिपि लेखन हेतु स्क्रिप्ट लेखन भी शामिल है. साहित्यिक कला डोमेन में प्रमुख स्पेशलाइजेशन सब डोमेन हैं: कविता, उपन्यास, छोटी कहानियाँ, महाकाव्य, राइटिंग्स.

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…