सरकार को उम्मीद, और कंपनियां खाद्य तेलों की एमआरपी घटाएंगी…
नई दिल्ली,। सरकार ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि खाद्यतेलों की वैश्विक कीमतों में आई भारी गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए और कंपनियां अधिकतम खुदरा मूल्यों (एमआरपी) में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी करेंगी।
घरेलू बाजार में खाद्यतेल की कीमतों में तेजी आने के बीच सरकार ने बुधवार को खाद्य तेल कंपनियों को कीमतें कम करने का निर्देश दिया था।
निर्देश के बाद, मदर डेयरी ने बृहस्पतिवार को सोयाबीन और चावल भूसी के तेल की कीमतों में 14 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की। उसे अगले 15-20 दिनों में सूरजमुखी तेल के एमआरपी में कमी की उम्मीद है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ताओं में से एक, मदर डेयरी धारा ब्रांड के तहत खाद्य तेल बेचती है।
भारत खाद्य तेलों की अपनी आवश्यकता का 60 प्रतिशत हिस्सा आयात से पूरा करता है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘कुछ कंपनियों ने अपनी कीमतें कम नहीं की हैं और जिनकी एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) अन्य ब्रांडों की तुलना में अधिक है, उन्हें भी अपनी कीमतें कम करने की सलाह दी गई है।’’
मंत्रालय ने कहा कि सरकार देश में खाद्य तेलों की कीमतों और उपलब्धता पर लगातार नजर रखे हुए है। यह जरूरी है कि खाद्य तेलों पर शुल्क में की गई कमी और वैश्विक कीमतों में लगातार गिरावट का लाभ तुरंत अंतिम उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से दिया जाए।
बयान के अनुसार, छह जुलाई को तेल कंपनियों के साथ हुई बैठक के दौरान उद्योग जगत ने कहा था कि पिछले एक महीने में विभिन्न खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में 300-450 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा बाजारों में इसका असर दिखने में समय लगता है और आने वाले दिनों में खुदरा कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है।
फॉर्च्यून ब्रांड ने मई में रिफाइंड सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल और कच्ची घानी तेल के एमआरपी में 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।
मंत्रालय के अनुसार, खाद्य तेल की कीमतों में कमी, आयात शुल्क में कटौती के मद्देनजर आई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में नाटकीय गिरावट देखी जा रही है, हालांकि घरेलू बाजार में स्थिति थोड़ी अलग है क्योंकि कीमतों में गिरावट धीरे-धीरे हो रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…