राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिये फील्ड अफसरों से हर…
15 दिन में योगी करेंगे संवाद…
लखनऊ, 06 जुलाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार का राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिये जरुरी उपाय अपनाने के दिशानिर्देश देते हुए कहा है कि वह स्वयं फील्ड स्तर के अधिकारियों से 15 दिन के नियमित अंतराल पर सीधा संवाद करेंगे।
योगी ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा अन्य राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक में कहा कि वह राजस्व संग्रह में वृद्धि के लिये स्वयं प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर फील्ड स्तर के अधिकारियों से संवाद कर समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार योगी ने बैठक में कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी संग्रह में सतत बढोतरी हो रही है। वर्ष 2021-22 में 98, 107 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। इसे और बेहतर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि 2022-23 की पहली तिमाही में हुआ रिकॉर्ड राजस्व संग्रह अब तक के प्रयासों को सही दिशा होने की पुष्टि करते हैं। वर्ष 2022-23 के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाएं।
योगी ने कहा कि जीएसटी उपभोग पर आधारित कर प्रणाली है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होती है। अतः उपभोग में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है। प्रदेश में इसके लिए अनुकूल माहौल है। योगी ने कहा कि डीलर बेस में वृद्धि के लिए राज्य कर विभाग द्वारा किये गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। सतत प्रयासों से वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.44 लाख हो गई है, जो कि देश में सर्वाधिक है। उन्होंने निर्देश दिया कि इसे अगले एक साल में 30 लाख तक करने के ठोस प्रयास किए जायें।
योगी ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरकारी विभागों द्वारा कांट्रेक्टर को भुगतान करते समय टीडीएस टीसीएस की कटौती करके जमा किये जाने वाले विवरण, जीएसटीआर-7 के आधार पर कार्यदायी संस्था का पता लगाकर रिटर्न व देय कर जमा कराया जाए। जीएसटीआर-7 एवं 3बी के अंतर के आधार टैक्स जमा कराया जाए।
कर राजस्व की चोरी काे राष्ट्रीय क्षति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए सभी जिलों में एक टास्क फोर्स गठित की जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए इसके खिलाफ छापेमारी की जाए। छापेमारी की कार्यवाही से पूर्व आवश्यक सूचनाएं एकत्रित कर ली जानी चाहिए।
योगी ने पेट्रोल पंपों पर घटतौली एवं मिलावट की आए दिन मिलने वाली शिकायतों के बारे में कहा कि यह एक प्रकार की कर चोरी है। यहां औचक छापेमारी कर कार्रवाई की जाए। आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा एसटीएफ अथवा पुलिस के अन्य अनुषांगिक बलों की सहायता भी ली जाए।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। जिनका आईटी टूल्स के माध्यम से विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का भी इसमें अधिकाधिक प्रयोग करने का निर्देश दिया।
योगी ने कहा कि नए पंजीकृत व्यापारी द्वारा हाई वैल्यू के ई-वे बिल उत्पन्न करने एवं उपयोग किये जाने की प्राथमिकता से जांच कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि कर अदा न करने वाले (नॉन फाइलर) के सकल कारोबार (टर्न ओवर) की समीक्षा करते हुए रिटर्न दाखिल कराया जाए तथा देय राजस्व को जमा कराया जाना सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारिक उपयोग के लिए लीज, कोचिंग सेवाओं, बैंक्वेट हॉल, मॉल व बड़े कॉम्प्लेक्स में किराये की सेवा तथा अन्य सेवाओं पर नियमानुसार कर प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि इन उपायों को लागू कर राजस्व संग्रह में प्रभावी तौर पर इजाफा सुनिश्चित किया जा सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…