खून के नमूने के बिना विशिष्ट एंटीबॉडी जांच से कोविड का पता चलेगा : शोधकर्ता…
तोक्यो,। जापान में शोधकर्ताओं ने सार्स कोव-2 की त्वरित और विश्वसनीय तरीके से पता लगाने के लिए एंटीबॉडी जांचने की नयी पद्धति विकसित की है जिसमें खून के नमूने देने की जरूरत नहीं होती।
शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रभावी तरीके से सार्स कोव-2 की पहचान में कमी से वैश्विक स्तर पर कोविड-19 महामारी से निपटने की प्रक्रिया प्रभावित हुई और बिना लक्षण वाले मामलों की ज्यादा दर (16-38 प्रतिशत) के कारण स्थिति और गंभीर हो गई।
कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि की पद्धतियों में से एक सार्स कोव-2 विशेष एंटीबॉडी का पता लगाना शामिल है। कई देशों में स्वास्थ्य केंद्रों में सोने के छोटे कणों पर आधारित स्ट्रिप के जरिए जांच की जाती है। इस तरह की जांच काफी संवेदनशील है और 10 से 20 मिनट में नतीजे मिल जाते हैं लेकिन इसके लिए खून के नमूने की जरूरत पड़ती है।
तोक्यो विश्वविद्यालय के लिइली बाओ ने कहा कि शोध टीम ने मानव त्वचा की बाहरी और भीतरी परत में स्थित इंटरस्टाइइल द्रव (आईएसएफ) के नमूने के परीक्षण पर विचार किया।
शोध पत्रिका ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित अध्ययन के अग्रणी लेखक बाओ ने कहा कि आईएसएफ में एंटीबॉडी का स्तर तकरीबन 15-25 प्रतिशत होता है और सार्स कोव-2 एंटीबॉडी का पता लगाया जाना संभव है। इस तरह यह खून के नमूने के लिए विकल्प का काम करता है। इसके तहत एक पैच के जरिए तीन मिनट में एंटीबॉडी का पता लगाया जा सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…